

Ranchi: कोरोना (Corona) ने इंसानों के साथ-साथ बेज़ुबान जानवरों के सामने भी खाने की आफत खड़ी कर दी है. पहले आवारा पशुओं को निवाला सड़क किनारे ही मिलता था लेकिन आज सड़कें सूनी हैं और लोग खुद में इतना परेशान है, तो भला इन कोई बेज़ुबान की फिक्र कौन करेंगा. वहीं, राजधानी में युवाओं की ऐसी टोली है जो लॉकडाउन में सड़क के किनारे भटकने वाले जानवरों की भूख मिटा रहे हैं.
शहर के विभिन्न इलाकों के पशुओं को खाना खिलाने की मुहिम
युवाओं के द्वारा राजधानी में एक नेक कार्य को अंजाम दिया जा रहा है. इसके तहत युवाओं की टोली शहर के विभिन्न मोहल्लों में जाकर पशु-पक्षियों को खाना और दाना देने की कवायद चल रही है, ताकि लॉकडाउन की वजह से उन्हें भूखा न रहना पड़े.
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शहर की सड़कें है सूनी, बेज़ुबानों को नहीं मिल रहा खाना
दरअसल स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के तहत जारी गाइडलाइंस के मुताबिक बगैर जरूरत लोगों को घरों से बाहर आने पर पाबंदी है, तो वहीं दूसरी तरफ संक्रमण के खतरे की वजह से लोग बाहर नहीं आ पा रहे हैं. चौक-चौराहों में लगने वाले विभिन्न ठेले,खोमचे भी बंद पड़े हैं. इसकी वजह से वहां पर खाना-खाने पहुंचने वाले लोग अब नहीं आ रहे हैं, तो इन जानवरों को भी खाने को कुछ नहीं मिल पा रहा.
आखिर कौन समझे बेज़ुबानों की भाषा
इस नेक कार्य में लगे युवाओं का कहना है कि ‘लॉकडाउन की वजह से जहां हर इंसान खुद में ही परेशान हैं लेकिन पशु-पक्षी और जानवर की फिकर कोई नहीं कर पा रहा है. ऐसे में इन्हें भूखा सोना पड़ रहा है. इसी वजह से युवाओं की इस टोली ने जानवरों को भूखा ना रखने की कवायद शुरू की है.’
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आपसी सहयोग कर इकट्ठा कर रहे हैं पैसे
इस काम में लगे युवा ज्यादातर छात्र हैं इसीलिए आपस में ही प्रयोग कर यह पैसे इकट्ठा करते हैं और फिर उन पैसों से पशु-पक्षियों को खाना खिलाए जाने वाले खाद्य सामग्री को खरीद कर उन्हें खिलाया जाता है.