रक्षा मंत्रालय
कोविड-19 की दूसरी लहर के खिलाफ जंग में सशस्त्र बलों के प्रयास जारी
Posted On: 07 MAY 2021 7:29PM by PIB Delhi
कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर धर्म, जाति, पंथ आदि की परवाह किए बिना देश के लगभग हर हिस्से में अपना कहर बरपा रही है। यह बताने की ज़रूरत नहीं है कि जब भी देश किसी संकट की स्थिति में होता है, तब सशस्त्र बल हमेशा देश के साथ खड़े होते हैं। यही वजह है कि पिछले कुछ हफ्तों में सशस्त्र बलों ने इस महामारी के खिलाफ एकजुट होकर मोर्चा खोल दिया है और विभिन्न सरकारी संस्थाओं और राज्य सरकारों को ज़रूरी मदद पहुँचाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रहे हैं।
सशस्त्र बल, देश के विभिन्न स्थानों पर चिकित्सा संबंधी दिक्कतों को कम करने के लिए प्रशिक्षित चिकित्सा अधिकारी और पैरामेडिकल स्टाफ प्रदान करने से लेकर, दुनिया भर से ज़रूरी सामान भारत में लाने के लिए कई उड़ाने भर रहे हैं। साथ ही ख़राब ऑक्सीजन प्लांट की मरम्मत से लेकर पूर्व और पश्चिम में स्थित बंदरगाहों से चिकित्सा संबंधी सामान की आपूर्ति के लिए सशस्त्र बल पूरी तरह से हरकत में हैं और 24×7 हमेशा तैयार रहने वाले नज़रिए के साथ काम कर रहे हैं। नई दिल्ली, पटना, अहमदाबाद, लखनऊ में डीआरडीओ द्वारा स्थापित अस्पतालों और वाराणसी जैसे कई अन्य क्षेत्रों में बनने वाले ऐसे अस्पतालों में सशस्त्र बलों के 500 से अधिक डॉक्टर और नर्स अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वयस्कों द्वारा उपयोग किए जाने वाले डायपर और पीपीई किट पहने हुए ये वर्दीधारी महिला और पुरुष इन कोविड देखभाल केन्द्रों में 24 घंटे अपनी अतुलनीय सेवाएं दे रहे हैं। बुनियादी चिकित्सा देखभाल के क्षेत्र में प्रशिक्षित किए गए बैटल फील्ड नर्सिंग असिस्टेंट (बीएफएनए), सैनिक/ नाविक/ एयरमैन को भी बड़ी संख्या में प्रशिक्षित कार्यबल की सहायता के लिए तैनात किया गया है।
यह बताने की ज़रूरत नहीं है कि सशस्त्र बल देश की सीमाओं, समुद्री सीमाओं और वायु संबंधी चुनौतियों के क्षेत्र में अपनी ज़िम्मेदारियों को उच्चस्तरीय मानकों के साथ निभाने के अलावा चिकित्सा के क्षेत्र में ये अतुलनीय काम कर रहे हैं। वैसे तो जरूरतमंदों को सहायता प्रदान करने के लिए सशस्त्र बलों और सैन्य संसाधनों का अधिकतम उपयोग किया जा रहा है, लेकिन परीक्षा की इस घड़ी में जनहित के इन कामों को करने की कोई निर्धारित सीमा नहीं है। सशस्त्र बलों के करीब 98% कर्मियों के टीकाकरण के साथ हमारे सशस्त्र बल चिकित्सा के क्षेत्र में किए जा प्रयासों के अधिकतम उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए सरकारी तंत्र के साथ सहज समन्वय बनाए रखते हुए कोविड राहत की दिशा में किए जा रहे सभी प्रयासों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। सशस्त्र बलों के अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं को अपग्रेड करने के लिए भी सशस्त्र बल लगातार काम कर रहे हैं।
देश और विदेश से कोविड हॉटस्पॉट तक ऑक्सीजन जनरेटर, चिकित्सा आपूर्ति, लैब उपकरण और चिकित्साकर्मियों को पहुँचाने के लिए सेना के कई वाहन, नौसेना के जहाज़ और वायु सेना के विमान हर दिन काम कर रहे हैं। घरेलू उड़ानों के अलावा, भारतीय वायु सेना ने जर्मनी, सिंगापुर, यूएई, ओमान, यूके, ऑस्ट्रेलिया, इज़राइल, बेल्जियम और थाईलैंड से चिकित्सा आपूर्ति और ऑक्सीजन जनरेटर लाने के लिए कई उड़ानें भरी हैं। भारतीय नौसेना के जहाज़ बहरीन, कुवैत, कतर और सिंगापुर से ऑक्सीजन जनरेटर और सिलेंडर के अलावा कई ज़रूरी सामान लेकर आ रहे हैं। भारतीय नौसेना हमारे द्वीप क्षेत्रों के लिए जीवन रेखा साबित हुई है। भारतीय सेना के भारी मालवाहक टीएटीआरए (टाट्रा) वाहन और सैन्य ग्रेड रेलवे बोगियां भारी मशीनरी, ऑक्सीजन जनरेटर और क्रायोजेनिक टैंकरों की निर्धारित समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए लगातार काम में जुटे हैं। परीक्षा की इस घड़ी में, उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए सशस्त्र बलों ने विभागीय स्तर पर कई नवाचार किए हैं। इसके अतिरिक्त, बेड की उपलब्धता सुनिश्चित करने और चिकित्सा संसाधनों के विस्तार को अकल्पनीय सीमा तक ले जाने के लिए सशस्त्र बलों ने विभिन्न प्रक्रियाओं में बेहतर ढंग से संशोधन किए हैं।
वर्ष 2003 में शुरू हुई भूतपूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) का उद्देश्य सैन्य अस्पतालों की सीमित क्षमता के बावजूद हमारे पूर्व सैनिकों और उनके परिजनों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना है। कोविड-19 के मामलों में आए अभूतपूर्व उछाल से देशभर में स्वास्थ्य क्षेत्र के बुनियादी ढांचे को झटका लगा है, जिसके परिणामस्वरूप पूर्व सैनिकों को सूचीबद्ध अस्पतालों के साथ-साथ सैन्य अस्पतालों में भी पर्याप्त चिकित्सा सहायता मिलने में कठिनाई हो रही है। संकट की इस घड़ी में किसी की जान बचाने से ज़्यादा महत्वपूर्ण कोई दूसरी चीज़ नहीं है, लेकिन हमारे पूर्व सैनिकों को देखभाल करने के मानले में सीमित संसाधन बड़ी बाधा बनते हैं। इसके बावजूद सशस्त्र बलों की सम्पूर्ण मशीनरी किसी भी हाल में हमारे पूर्व सैनिकों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने और उन्हें निरन्तर और अटूट सेवा का भरोसा दिलाने में लगी हुई है।
कोविड के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों को बढ़ाने के लिए, सेहत ओपीडी (SeHAT OPD) और ईसंजीवनी (eSanjeevani – https://esanjeevaniopd.in) जैसे प्लेटफॉर्म को शुरू किया गया है। सेहत ओपीडी सशस्त्र बलों के कर्मचारियों और उनके आश्रितों को चिकित्सा परामर्श प्रदान करने के लिए एक ऑनलाइन परामर्श प्लेटफॉर्म है, जबकि ईसंजीवनी, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का एक ऑनलाइन परामर्श प्लेटफॉर्म है, जहाँ सेवारत और सेवानिवृत्त डॉक्टरों की विशेषज्ञता का फायदा मिल रहा है। इसके अतिरिक्त, विदेशी मित्र देशों से आने वाले ज़रूरी चिकित्सा उपकरणों को तुरंत प्रेषित तक निर्धारित समय में इनकी आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की सहायता करने के लिए एक इंटर-सर्विस कमेटी का गठन किया गया है।
राष्ट्र हित में किए जा रहे विभिन्न प्रयासों में हर संभव मदद करने की अपनी प्रतिबद्धता के अलावा हमारे सशस्त्र बल किसी भी सैन्य ऑपरेशन को संचालित करने के लिए भी पूरी तरह से तैयार हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। हालाँकि सरकार इस महामारी से निपटने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन वर्दी पहने सशस्त्र बल के जवान भी राष्ट्र की सहायता के लिए हमेशा खड़े रहेंगे।
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