News in Brief

Bettiah: कोरोना महामारी में राज्य के स्वास्थ्य व्यवस्था की कलई खुल गई है और कई ऐसी तस्वीरें देखने को मिल रही है जो राज्य की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलने के लिए काफी है. 
एक ऐसे ही अस्पताल की तस्वीर नरकटियागंज अनुमंडल क्षेत्र से भी सामने आई है जिसे देखकर आप सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि यह अस्पताल है या फिर तबेला.

दरअसल, कोरोना महामारी में राज्य की स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई है. ऐसे ही समय में बदहाल व्यवस्था की पोल खोलने के लिए नरकटियागंज अनुमंडल क्षेत्र का एक उप-स्वास्थ्य केंद्र काफी है.
कहते हैं कि तस्वीरें झूठ नहीं बोलती है और जो तस्वीर आप देख रहे हैं, दरअसल यह किसी तबेले का नहीं बल्कि नरकटियागंज प्रखंड स्थित धुम नगर पंचायत के धुमनगर बेलवा टोला वार्ड 2 में स्थित उप-स्वास्थ्य केंद्र की है. 

इसमें मरीजों का इलाज नहीं होता बल्कि भवन में पशुओं का चारा रखा जाता है और भैंस बांधे जाते हैं. यहां इलाज करने के लिए भले ही डॉक्टर नहीं आते हों पर डॉक्टर की जगह मवेशी जरूर बांधा जाता है.

इस अस्पताल में दवा और अस्पताल कर्मी की जगह पेड़, पौधे,और जंगल झाड़ी उग आए हैं. यहां बच्चों, ग्रामीणों का इलाज नहीं होता है बल्कि बच्चे यहां खेलने के लिए आते हैं. तस्वीर हैरान करने वाली है यहां न तो डॉक्टर हैं और ना ही नर्स है. अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे इस उप-स्वास्थ्य केंद्र के बाहर कचरे का अंबार लगा हुआ है तो वहीं भवन के कमरों में पशुओं का चारा रखा गया है.

दरअसल, तीन साल पूर्व इस उपस्वास्थ्य केंद्र का निर्माण किया गया था लेकिन संवेदक द्वारा अधूरा निर्माण करके बीते तीन साल से छोड़ दिया गया है. इसमें ना तो दरवाजा है और ना ही खिड़की है. इस पंचायत की आबादी 14 हजार के करीब है और बीते 25 दिनों में 25 लोगों की संदिग्ध मौत भी हो चुकी है.

ऐसे में अगर स्वास्थ्य केंद्र संचालित रहता तो कईयों की जिंदगी बच सकती थी. ग्रामीणों ने बताया कि गांव में कोई बीमार पड़ता है तो बहुत दूर ईलाज कराने जाते हैं. इलाज के दौरान पैसा अधिक खर्च होता है. अनुमंडलीय अस्पताल के स्वास्थ्य प्रबंधक रविशंकर सिंह ने बताया कि उप स्वास्थ्य केंद्र बनाने वाले संवेदक ने भवन विभाग को हैंडओवर नहीं किया है.

ये भी पढ़ें- बोकारो में फर्जी पुलिस अधिकारी हुआ गिरफ्तार, नाम बदलकर लोगों से कर रहा था ठगी

वहीं, ग्रामीणों ने बताया कि किराए के मकान में उप स्वास्थ्य केंद्र का बोर्ड लगा हुआ है लेकिन सात माह से एएनएम ड्यूटी नहीं कर रही है. जबकि नरकटियागंज के स्वास्थ्य प्रबंधक का कहना है कि धुम नगर पंचायत के किराए के मकान में चल रहे है उप स्वास्थ्य केंद्र पर एक एएनएम बहाल है जो नरकटियागंज के धुम नगर पंचायत के अलावा मधुबनी प्रखंड के भी प्रभार में हैं.

दूसरी ओर ज़िला मुख्यालय बेतिया के छावनी में एनएच 727 गोरखपुर बेतिया मुख्य सड़क किनारे कई एम्बुलेंस खटारा हालत में खड़े हैं जिसको लेकर भी सामाजिक कार्यकर्ता आवाज उठा रहे हैं.
ऐसे में समझा जा सकता है कि एक तरफ जहां विभाग किराए का मकान लेकर लाखों रूपये खर्च कर रहा है तो वहीं विभाग द्वारा बनवाया गया लाखों की लागत का अस्पताल भवन बनने से पहले ही ध्वस्त हो गया है और अस्पताल तबेले में तब्दील हो गया है.

(इनपुट: इमरान)