
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने पहचान की गईं एकल-उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि हालांकि प्लास्टिक 20वीं सदी का एक उपयोगी नवाचार है, लेकिन बिना एकत्र किया गया प्लास्टिक कचरा पर्यावरण के लिए एक गंभीर खतरे के रूप में उभरा है।
श्री जावड़ेकर ने कहा “स्थलीय और जलीय पारिस्थितिक तंत्र दोनों पर कूड़े के एकल–उपयोग वाली प्लास्टिक की वस्तुओं के प्रतिकूल प्रभावों को देखते हुए, माननीय प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी ने 2022 तक एकल-उपयोग प्लास्टिक को समाप्त करने का आह्वान किया था, और सरकार ने प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन के लिए प्रभावी उपाय किए हैं।”
प्रधानमंत्री @narendramodi जी ने जल्दी Single-use plastic से देश को मुक्त करने का संकल्प किया है।हमने उस दिशा में अनेक कदम उठाये हैं। विदेश से प्लास्टिक का जो कचरा भारत में आता था उस पर पाबन्दी लगाई।Single-use plastic की पाबन्दी व इसका उपयोग न हो सभी राज्यों को दिशानिर्देश दिए है pic.twitter.com/gOCNEQLrxs
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) June 8, 2021
पर्यावरण मंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत सरकार ने पहले ही देश में प्लास्टिक कचरे के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। मंत्री महोदय ने कहा कि पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने ही पर्यावरण के अनुकूल तरीके से प्लास्टिक कचरे से निपटने के लिए पहली बार प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 अधिसूचित किए थे। उन्होंने कहा कि नियमों के तहत 50 माइक्रोन से कम के प्लास्टिक कैरी बैग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। कई राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने चिन्हित एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। श्री जावड़ेकर ने कहा कि इसके अलावा, मंत्रालय ने प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 में संशोधन के लिए मार्च 2021 में डिस्पोजेबल प्लास्टिक कटलरी आदि जैसी 12 एकल उपयोग प्लास्टिक वस्तुओं को प्रतिबंधित करने के संबंध में एक मसौदा अधिसूचना जारी की गई है।
पर्यावरण मंत्री ने एकल-उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने में जनभागीदारी के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन पर जागरुकता पैदा करना और एकल-उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं के इस्तेमाल को कम करने को अपने व्यवहार में बदलाव लाना महत्वपूर्ण है। इस अभियान के साथ मंत्री महोदय ने प्लास्टिक कचरा प्रबंधन और चिन्हित एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं को समाप्त करने के लिए दो माह के जागरूकता अभियान का शुभारंभ किया।
जीआईजेड, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की), भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के साथ मिलकर दो माह के इस लंबे जागरूकता अभियान का आयोजन कर रहे हैं, जिसमें चार ऑन-लाइन क्षेत्रीय कार्यक्रम और व्यापक स्तर पर लोगों तक प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने के संदेश को फैलाने के लिए एक सोशल मीडिया अभियान शामिल होंगा। क्षेत्रीय कार्यक्रमों में एकल उपयोग प्लास्टिक और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन से संबंधित विभिन्न विषयों पर वार्तालाप सत्र शामिल होंगे और इनके माध्यम से स्थानीय निकायों, प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों, उद्योग, नागरिक समाज संगठनों और नागरिकों के हितधारकों की विस्तृत श्रृंखला को कवर किया जाएगा।
Plastic per se is not a problem, it is uncollected plastic waste that is. Today, launched an awareness program on plastic waste mgmt. and reducing Single-Use plastic.
We will also be launching Plastic India Hackathon for innovating alternative solutions to Single-use plastic. pic.twitter.com/jY8EjIq0HU
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) June 8, 2021
प्लास्टिक अपशिष्ट प्रदूषण से निपटने और एकल उपयोग प्लास्टिक के उन्मूलन के क्षेत्र में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए, श्री जावड़ेकर ने “इंडिया प्लास्टिक चैलेंज- हैकथॉन 2021” की घोषणा की। “इंडिया प्लास्टिक चैलेंज- हैकाथॉन 2021” एक अनूठी प्रतियोगिता है जो स्टार्ट-अप्स/उद्यमियों और उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) के छात्रों को प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने और एकल उपयोग प्लास्टिक के विकल्प को विकसित करने के लिए अभिनव समाधान विकसित करने का आह्वान करती है।
इसके अलावा, देश भर के विद्यालयों के छात्रों के साथ जुड़ने और उन तक पहुंचने के लिए और प्लास्टिक के कचरे के कारण प्लास्टिक प्रदूषण के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए, विद्यालयों के छात्रों के लिए एक अखिल भारतीय निबंध लेखन प्रतियोगिता की भी घोषणा की गई।
इस वर्चुअल कार्यक्रम में भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सचिव श्री आरपी गुप्ता, जर्मनी सरकार के संघीय पर्यावरण मंत्रालय के सचिव श्री जोचेन फ्लैसबार्थ और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के एशिया और प्रशांत के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. डेचेन त्सेरिंग और फिक्की, प्रमुख, यूएनईपी इंडिया कंट्री ऑफिस और कंट्री डायरेक्टर, जीआईजेड इंडिया के महासचिव भी इस उद्घाटन अवसर पर उपस्थित थे।
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एमजी/एएम/एसएस