Jalore: जालोर जिले के कोविड केंयर सेंटरों की हालात बदतर होती जा रही है. सांचौर उपखंड क्षेत्र के निजी कोविड सेटरों पर लूटमार व मरीजों को अधिक क्षमता से भर्ती कर उनकी जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है. यहां के बी.लाल कोविड केयर सेंटर में मरीजों से अधिक पैसे लेने का मामला सामने आने पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर छगनलाल गोयल ने मौके पर पहुंचकर मरीजों के परिजनों से बयान दर्ज किए.
बता दें कि जालोर के सांचोर में कोरोना के इलाज के नाम में चल रही लूट पर जांच करने पहुंचे ADM ने माना कि खुलेआम लूट हो रही है. साथ ही, परिजनों को बिल भी नहीं दिया जा रहा है. दरअसल, देश में आयी भयानक महामारी कोरोना की वजह से सभी सामाजिक संगठन लोगों की सेवा में लगे हुए हैं.
वहीं, जालौर के सांचोर का एक निजी अस्पताल लोगों से खुलेआम लूटपाट कर रहा है. सांचौर के बी लाल अस्पताल में प्रत्येक दिन बेड के नाम पर 20-30 हजार रुपए की खुली लूट की जा रही है. इतना ही नहीं, जब परिजन बिल मांगते हैं तो उन्हें बिल भी नहीं दिया जा रहा है.
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इस हॉस्पिटल का एक वीडियो सामने आने के बाद जब जालोर जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि ने एक कमेटी बनाकर सांचोर भेजी, तो पाया गया कि कोरोना का इलाज करवाने वालों से लूट की जा रही थी. जिला कलेक्टर के निर्देश के बाद जांच करने आई टीम जाने के बाद सांचौर के बी. लाल हॉस्पिटल के संचालक के द्वारा जो काम किया वो शर्मनाक था.
अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों के साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार करते हुए मरीजों को परिसर से बाहर निकाला दिया गया. साथ ही,कोरोना मरीजों को ऑक्सीजन व बिना उपकरणों के रवाना कर दिया गया.
दवा, आक्सीजन के नाम पर वसूली
भर्ती कराने के साथ ही कोरोना संक्रमित मरीज के परिजनों से दवा और आक्सीजन के नाम पर भी जमकर वसूली हो रही है. आइसीयू बेड और वेंटिलेटर बेड के नाम पर रोजाना 30 से 40 हजार रुपए वसूले जा रहे हैं. मरीज को ठीक कराने के लिए हर स्तर पर तैयार परिजन रुपए देने में आनाकानी भी नहीं कर रहे हैं.
कोविड वार्ड में मरीजों से ज्यादा मिले परिजन
जिला प्रशासन द्वारा सांचौर में दो निजी अस्पतालों को कोविड सेंटर के लिए अधिकृत किया गया है. इसमें बी. लाल अस्पताल के पास स्वयं का ऑक्सीजन प्लांट है. वहीं, सांचौर हॉस्पिटल बाहर से ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति करता है. सांचौर अस्पताल में 40 मरीजों की अनुमति है. लेकिन यहां 70 मरीजों को भर्ती कर लिया गया है.
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अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या के अनुपात में ऑक्सीजन नहीं होने से गंभीर मरीजों की स्थिति बिगड़ने लगी है. अस्पताल संचालक द्वारा भर्ती मरीजों को तत्काल अपने स्तर पर ऑक्सीजन सिलेंडर लाने या मरीज को अपनी सुविधा अनुसार ले जाने के निर्देश देकर छुट्टी लेकर चले जाने को कहा गया. इस पर मरीजों के परिजनो में अफरा-तफरी का माहौल बन गया.
(इनपुट-बब्लू मीणा)