वॉशिंगटन: यमन (Yemen) के एक द्वीप पर रहस्यमयी एयरबेस (Mysterious Airbase) की तस्वीरें सामने आई हैं. सबसे ज्यादा ताज्जुब की बात यह है कि एयरबेस जिस द्वीप पर बनाया जा रहा है, वहां एक बड़ा ज्वालामुखी है. इस द्वीप का नाम है मायुन (Mayun Island). हालांकि इसे पेरिम आइलैंड (Perim Island) के नाम से भी जाना जाता है. अभी तक किसी भी देश ने एयरबेस पर दावा नहीं ठोंका है, लेकिन माना जा रहा है कि इसके पीछे संयुक्त अरब अमीरात (UAE) का हाथ हो सकता है.

सबसे अहम Check Point

‘द गार्डियन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, बाब एल-मांदेब खाड़ी (Bab El-Mandeb Strait) में स्थित यह द्वीप 5.63 किलोमीटर लंबा है. यहां बनाए जा रहे एयरबेस का रनवे इतना बड़ा है कि कार्गो प्लेन या नागरिक विमान भी आसानी से उतर सकते हैं. यमन की सरकार का दावा है कि इस निर्माण के पीछे संयुक्त अरब अमीरात (UAE) का हाथ है. बता दें कि यह द्वीप ऊर्जा शिपमेंट और कमर्शियल कार्गो के नजरिए से दुनिया का एक अहम चेक पॉइंट (Check Point) है. ऐसे में यहां गुपचुप एयरबेस का निर्माण बेहद चौंकाने वाला है.

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द्वीप पर Weapons पहुंचाए गए

यमन के अधिकारियों का कहना है कि इस निर्माण के पीछे UAE है. यूएई ने 2019 में घोषणा की थी कि वह यमन के हूती विद्रोहियों (Houthi Rebels) से जूझ रहे सऊदी के नेतृत्व वाले सैन्य अभियान से अपने सैनिकों को वापस बुला लेगा. ऐसी भी खबरें हैं कि UAE ने हाल ही में सैनिक और हथियार यहां पहुंचाए हैं. हालांकि, यूएई की तरफ से इस पर कोई बयान नहीं दिया गया है.

Yemen War ही नहीं है वजह

ओपन सोर्स इंटेलिजेंस (Open Source Intelligence) कंपनी Janes के मिडिल ईस्ट एडिटर जेरेमी बिनी के मुताबिक, यह एयरबेस लंबी अवधि की रणनीति का हिस्सा है, ताकि भविष्य में एक स्थायी मौजूदगी दर्ज कराई जा सके. जेरेमी पिछले कई सालों से मायुन द्वीप पर चल रहे निर्माण पर नजर रख रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसका लेना-देना सिर्फ यमन के युद्ध से नहीं है बल्कि इस मार्ग से गुजरने वाले जहाजों और समुद्री व्यापार को लेकर भी है.

इसलिए महत्वपूर्ण है Mayun Island

रिपोर्ट के अनुसार, अबुधाबी में मौजूद अमीराती अधिकारियों और वॉशिंगटन में मौजूद UAE दूतावास ने इस द्वीप पर चल रहे निर्माण पर कुछ भी कहने के लिए इंकार कर दिया है. जो भी देश मायुन द्वीप पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा लेता है, वो कई तरह से फायदे में रहेगा. यहां से यमन के मुख्य इलाकों पर, लाल सागर की तरफ, एडेन की खाड़ी और पूर्वी अफ्रीकी देशों पर हमला किया जा सकता है या फिर निगरानी रखी जा सकती है.

लगभग पूरा हो गया है काम

न्यूज एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस (AP) ने प्लैनेट लैब्स से सैटेलाइट तस्वीरें हासिल की हैं, जिन्हें देखकर पता चलता है कि इस एयरबेस पर करीब 2 किलोमीटर लंबा रनवे है. ये तस्वीर 11 अप्रैल 2021 की है और बताया जा रहा है कि 18 मई तक ये काम लगभग पूरा हो चुका है. इससे पहले 2016 में 3 किलोमीटर लंबा रनवे बनाने की कोशिश की थी, लेकिन वो पूरा नहीं हो पाया. अगर ये रनवे 3 किलोमीटर लंबा होता है तो यहां पर भारी बमवर्षक विमान भी उतर सकते हैं.