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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस (Covid -19) महामारी की दूसरी लहर के दौरान योगी सरकार की ‘108’ और ‘एएलएस’ (एडवांस लाइफ सपोर्ट) एम्बुलेंस सेवाएं कोरोना मरीजों के लिए एक लाइफलाइन साबित हुई हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा ‘108’ (ऑक्सीजन सिलेंडर से लैस) और ‘एएलएस’ (ऑक्सीजन सिलेंडर और वेंटिलेटर दोनों से लैस) को अलर्ट कर दिया था. जिसने ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के रोगियों को बड़ी संख्या में उनके संबंधित निकटतम अस्पतालों में पहुंचाया, जिससे उनका शीघ्र उपचार हो सका. 

गौरतलब है कि लगातार निगरानी और कोविड प्रबंधन से कोविड-19 की पहली लहर पर काबू पाने वाले सीएम योगी ने वायरस की दूसरी लहर की चुनौतियों को बहुत गंभीरता से लिया. इसके मद्देनजर राज्य में बढ़ते कोविड संक्रमण से लड़ने के लिए सबसे आगे आए. यह उनके प्रयासों के कारण ही संभव हुआ है कि यूपी 3T मॉडल, ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट का पालन करके वायरस की दूसरी लहर पर भी काबू पा रहा है. 

एंबुलेंस सेवा ने निभाई अहम भूमिका 
कोरोना वायरस की दूसरी लहर के खिलाफ जंग जीतने में योगी सरकार की एंबुलेंस सेवा ने अहम भूमिका निभाई है. 22 मार्च से पिछले तीन महीनों में ‘108’ के 1102 वाहन और एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) एम्बुलेंस सेवाओं के 137 वाहनों को सेवा में लगाया गया है. ‘108’ एम्बुलेंस सेवा ने एएलएस सेवा के दौरान 224,832 लोगों को इलाज देने में मदद की है. 43,206 लोगों को अस्पताल पहुंचाया है. इनमें से लखनऊ में तैनात 108 की 32 एंबुलेंस और एएलएस की 9 की एंबुलेंस की मदद से मार्च से अब तक क्रमश: 25,337 और 2042 मरीजों का इलाज किया जा चुका है.

राज्य के हर जिले में तैनात है एंबुलेंस 
इस बीच सीएम योगी के निर्देश पर राज्य के हर जिले में 108 और एएलएस एंबुलेंस को तैनात किया गया है. वे संक्रमित मरीजों को राज्य सरकार द्वारा बनाए गए क्वारंटाइन वार्ड में ले जा रही हैं. कोविड-19 रोगियों के लिए एम्बुलेंस सभी जीवन रक्षक उपकरणों से लैस हैं. कोरोना से लड़ने के लिए सरकार के निर्देशों का पालन एंबुलेंस सेवाओं की पूरी टीम कर रही है. आपातकालीन चिकित्सा तकनीशियन (ईएमटी) और 23,000 से अधिक लोगों की पायलट टीम रोगियों की मदद करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रही है. 

कॉल रिसीव करने के तुरंत बाद रवाना हुई एंबुलेंस
संक्रमित व्यक्ति 108 टोल फ्री नंबरों पर कॉल कर सेवा का लाभ उठा रहे हैं. जैसे ही किसी कोविड रोगी के लिए एम्बुलेंस सेवा का अनुरोध करने वाला का कॉल मिलता है, जिले में तैनात एक एम्बुलेंस तुरंत लखनऊ और आगरा में 108 के आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र के माध्यम से भेजी जाती है. आगरा के कॉल सेंटर में 275 लोग कार्यरत हैं, जबकि लखनऊ में 500 से अधिक कर्मचारियों की एक टीम लोगों की सेवा के लिए चौबीसों घंटे काम कर रही है. 

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