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Dausa: कोविड (Covid) साजिश है या फिर प्राकृतिक आपदा (Natural Calamity), यह तो भगवान जाने लेकिन इस महामारी (Epidemic) ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. हर किसी की कमर तोड़ दी फिर चाहे व्यापार हो या लोगों की रोजी-रोटी यहां तक की यह महामारी उन निर्दोष लोगों की जिंदगियां भी लील गई, जो अपनों के प्यारे थे लेकिन इस महामारी ने उनको भगवान का प्यारा कर दिया.

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कोविड (Covid) के चलते मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा. प्रतिदिन अपनों के जाने की खबर मिलती है तो दिल दहल उठता है और आंखों से आंसू छलक आते हैं. बेशक कोरोना की पहली लहर आने के बाद हमारे वैज्ञानिकों ने इस पर दिन-रात रिसर्च किया और बहुत कम समय में वैक्सीन भी तैयार की. वहीं, चिकित्सा जगत से जुड़े कार्मिक भी दिन रात कोविड मरीजों के उपचार में जुटे हुए हैं लेकिन अभी तक कोविड से होने वाली मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा चिकित्सकों को अभी तक इसका कोई कारगर उपचार नहीं मिला, जिसके चलते लोग काल के आगोश में समा रहे हैं.

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कई पत्नियों का सुहाग उजाड़ दिया कोरोना ने
केंद्र की सरकार हो या राज्यों की सरकार हर मुमकिन कोशिश कर कोविड नियंत्रण का प्रयास कर रही है लेकिन उनके प्रयास भी नाकाफी साबित हो रहे हैं. कोविड ने चारों ओर हाहाकार मचाया हुआ है. किसी के सिर से माता-पिता का साया उठा दिया तो वहीं कई पत्नियों का सुहाग उजाड़ दिया. कितनी ही मांओं की गोद को सूना कर दिया, भाई को बहन से छीन लिया तो वहीं बाप से उनके बेटे छीन लिए गए. कोविड संक्रमण के चलते मरने वालों को अपनों के कंधे भी नसीब नहीं हो रहे. यहां तक कि इस दुख की घड़ी में लोग एक दूसरे का हाल पूछना भी भूल गए.

कोरोना संक्रमण के जिम्मेदार आमजन भी हैं
कोविड संक्रमण का इतने अधिक फैलाव में कहीं न कहीं हम भी जिम्मेदार हैं. पिछले डेढ़ साल से भी अधिक समय से देश कोविड से जूझ रहा है और सरकारों द्वारा या चिकित्सक और वैज्ञानिकों द्वारा भी समय-समय पर गाइडलाइन जारी कर हमें सावचेत किया गया लेकिन हम इतने लापरवाह हो गए कि हमने कोरोना गाइडलाइन की पालना से मुंह फेर लिया और उसका खामियाजा हमें अपनों को खो कर चुकाना पड़ रहा है. 

सीएम गहलोत लगातार कर रहे बैठकें
कोविड का खतरा राजस्थान (Rajasthan) में आउट ऑफ कंट्रोल हुआ तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई और चिकित्सा जगत के विशेषज्ञों से भी कोरोना नियंत्रण को लेकर सलाह मशवरा किया. उसके बाद संपूर्ण राजस्थान को 10 मई से 24 मई तक के लॉकडाउन करने का ऐलान किया गया. वहीं, 31 मई तक शादी समारोह हो या फिर अन्य समारोह सभी पर रोक लगा दी गई. हमारा प्रदेश कोविड से मुक्त हो, इसमें हमें सरकार और पुलिस प्रशासन का सहयोग करते हुए लॉकडाउन की संपूर्ण पालना हो, इसे अपनी जिम्मेदारी समझते हए अपनी और अपनों की जान बचाने के लिये बेहद जरूरी है. कोविड से जीवन बचेगा तो हम खुशियां बाद में भी बटोर सकते हैं लेकिन हमारी लापरवाही से अपनी और अपनों की जिंदगियां छिन गईं तो फिर वह खुशियां हम नहीं देख पाएंगे.

कोरोना के प्रति जागरूकता है जरूरी
लिहाजा जरूरी है कोरोना को लेकर हम सावधान रहें सजग रहें सतर्क रहें और पूरे नियमों का पालन करें. लॉकडाउन के दौरान अति आवश्यक होने पर ही घर से बाहर निकलें. वह भी पूरे नियम कायदे के साथ अन्यथा कुछ दिन घर में रहकर इस कोरोना की चेन को तोड़ने में सरकार का, चिकित्सा जगत का और पुलिस प्रशासन का पूर्ण सहयोग करें. वहीं, इस कोविड काल के दौरान एक दूसरे की मदद भी करते रहें और एकजुटता बनाए रखें, जिससे इस महामारी पर हम विजय प्राप्त कर सकें.

Reporter- LAXMI AVATAR SHARMA