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कर्ण दिलीप मिश्रा/जबलपुर: दमोह उपचुनाव में मिली करारी हार के बाद बीजेपी में विरोध तेज हो गया है. सात बार के विधायक जयंत मलैया द्वारा राहुल लोधी की हार को जनता का विरोध बताए जाने पर उन्हें पार्टी की तरफ से नोटिस दिया गया, जबकि उनके बेटे सिद्धार्थ मलैया को पार्टी से निकाल दिया गया है. इसी बीच इस मामले में पार्टी के वरिष्ठ नेता अजय विश्नोई को एक बार फिर शीर्ष नेतृत्व पर निशाना साधने का मौका मिला गया है. 

अजय विश्नोई के ट्वीट पर बवाल
अजय विश्नोई ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘क्या हार की जवाबदारी टिकट बांटने वाले और चुनाव प्रभारी लेंगे? दमोह उपचुनाव में मिली हार पर बीजेपी में मचे घमासान पर कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने तंज कसा है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘डीएम-एसपी के तबादले क्या अब तक भाजपा इन्हीं के बल पर जीतती आई है. अगर यही हार के लिए जिम्मेदार हैं, तो 15 सालों के सीएम और टिकट बांटने वाले प्रदेश अध्यक्ष निर्दोष?

कांग्रेस ने सााधा निशाना
वहीं पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस के सीनियर विधायक लखन घनघोरिया ने अजय विश्नोई के ट्वीट का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि जिन जयचंदों की बात बीजेपी कर रही है, कांग्रेस के जयचंद उनकी पार्टी में शामिल होकर क्या हरिश्चंद्र हो गए हैं. दमोह की हार के बाद साबित होता है कि जनता ने प्रदेश के मुखिया सहित बीजेपी अध्यक्ष ओर केंद्रीय मंत्री, प्रदेश के कैबिनेट मंत्रियों को नकार दिया है, जिसकी वजह से बीजेपी को हार का मुह देखना पड़ा. बीजेपी को आत्म अवलोकन करना चाहिए कि आखिर दमोह की जनता ने उन्हें जो सबक सिखाया है.’

लखन घनघोरिया ने बीजेपी द्वारा पूर्व मंत्री जयंत मलैया को नोटिस देने और उनके सिद्धार्थ मलैया सहित पांच मंडल अध्यक्षों को निष्कासित करने की कार्रवाई पर भी सवाल खड़े किए हैं. लखन घनघोरिया का कहना है कि अपनी नाकामयाबी का ठीकरा दूसरों के सिर फोड़ना ठीक नहीं है.

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