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Jaipur: मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि परिवहन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी असामान्य परिस्थितियों में सातों दिन 24 घंटे वॉरियर बनकर सड़क पर काम कर रहे हैं, जिस तरह से ग्रीन कॉरिडोर बनाकर सहीं समय पर ऑक्सीजन टैंकरों को प्लांट्स से अस्पतालों तक पहुंचाया है, उससे टूटती श्वासों को नया जीवन मिला हैं.

मंत्री ने कहा कि RTO-DTO सहित पूरे विभाग का काम काबिलेतारीफ हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से विभाग के कार्मिकों को फ्रंट लाइन वर्कर घोषित करने की बात की जाएगी. उन्होंने कहा कि परिवहन मंत्री ने बुधवार को परिवहन मुख्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए परिवहन आयुक्त महेंद्र सोनी सहित सभी आरटीओ-डीटीओ से ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्थाओं के बारे में चर्चा की.

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खाचरियावास ने सभी कार्मिकों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि सभी कार्मिक वैक्सीन जरूर लगवाएं. कार्य के साथ स्वयं भी सतर्कता बरतें. उन्होंने कहा कि विकट परिस्थितियों में प्रदेशवासियों को किसी भी तरह की कमी नहीं आने देंगे, लेकिन लोग भी अपनी जिम्मेदारी समझें. घरों से अनावश्यक बाहर नहीं निकलें. मुख्यमंत्री ने निःशुल्क वैक्सीनेशन के लिए 3 हजार करोड़ रुपए जारी किए हैं.

खाचरियावास ने कहा कि कोरोना के रोगी Oxygen कम होने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें. मास्क जरूर लगाएं, दो गज की दूरी रखें. अनावश्यक घर से नहीं निकलें, भीड़ का हिस्सा नहीं बनें और वैक्सीन जरूर लगवाएं. वैक्सीन लगाने के बाद भी मास्क लगाने सहित अन्य सावधानियों का पालन करें. परिजन भी सकारात्मक माहौल बनाए रखें. इस बीमारी से ठीक होने का रेशों बहुत अधिक हैं. जनता आगामी 2-3 सप्ताह घरों में रहकर इस महामारी से बच सकती हैं.  

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परिवहन आयुक्त महेंद्र सोनी ने बताया कि सभी कार्मिक वॉरियर की तरह दिन-रात जुटे हुए हैं. ऑक्सीजन सप्लाई के लिए टैंकरों की व्यवस्था के लिए अन्य राज्यों से नियमित संपर्क रखा जा रहा हैं. भिवाड़ी से राज्य के विभिन्न स्थानों पर टैंकर्स को विभाग की फ्लाईंग टीम द्वारा ग्रीन कॉरिडोर बनाकर पहुंचाया जा रहा हैं. सभी ऑक्सीजन टैंकरों को ट्रैक करने के लिए GPS लगवाए गए हैं. रास्ते में वाहन में खराबी आने पर तुरंत रिपेयर किया जा रहा है.

सोनी ने बताया कि विभिन्न राज्यों, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, निजी टैंकर स्वामियों, तेल कंपनियों से लगातार संपर्क कर राज्य में अधिकतम टैंकर उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं. राज्य भर से निजी सेक्टर्स से हैवी कार्गो परिवहन लाइसेंसधारी 20 चालक अतिरिक्त उपलब्ध कराए गए हैं. इससे मूल चालक को राहत मिल रही है तथा संचालन में निरंतरता संभव हुई हैं.