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Muzaffarpur: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के सकरा थाना क्षेत्र के सुस्ता गांव में पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी कर भारी मात्रा में सरकारी सप्लाई कोरोना जांच संबंधित चीजें बरामद की और विभिन्न भागों से 5 लोगों की गिरफ्तारी की है.

जानकारी के अनुसार, पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि कोरोना की जांच और इलाज से संबंधित दवा और अन्य चीजों की कालाबाजारी हो रही है. इसके बाद पुलिस ने डीएसपी पूर्वी मनोज कुमार पांडे और प्रशिक्षु डीएसपी सह सकरा थाना अध्यक्ष सतीश सुमन के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया और सूचना के सत्यापन के बाद सुस्ता गांव में छापेमारी की. 

छापेमारी के दौरान पुलिस हक्का-बक्का रह गई. पुलिस ने करीब चार से अधिक एंटीजन जांच किट, पीपीई किट, सर्जिकल मास्क, सेनिटाइजर, जांच घर में उपयुक्त होने वाला माइक्रोस्कोप, स्लाइड और कई केमिकल जप्त किए. इस दौरान मौके से लव कुमार नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया गया जिसके सत्यापन में पुलिस को पता चला कि वह सदर अस्पताल में संविदा पर तैनात लैब टेक्नीशियन के रूप में कार्य करता है. उसने यह सारा सामान अपने ससुराल सुस्ता गांव में रखा था.

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वहीं, पुलिस की टीम ने जब लव कुमार से पूछताछ शुरू की तब उसने चौकानेवाले कई राज पुलिस को बताए. इसके बाद उसकी निशानदेही पर अन्य चार की गिरफ्तारी हुई, जिसमें संविदा पर कार्यरत सकरा रेफरल अस्पताल कर्मी अवधेश कुमार के साथ-साथ पकड़े गए तीन अन्य एंबुलेंस चालक भी शामिल थे.

पूरे मामले पर पूछे जाने पर डीएसपी पूर्वी मनोज कुमार पांडे ने बताया कि ‘पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि सुस्ता गांव निवासी संजय ठाकुर के घर से कोरोना जांच किट और अन्य सामान जो सरकारी सप्लाई है उसकी कालाबाजारी हो रही है और निजी अस्पतालों को बेचा जाता है. इसका सत्यापन करने के बाद पुलिस की टीम ने  छापेमारी की तो यह उपलब्धि मिली. 

वहीं, मौके का फायदा उठाकर संजय ठाकुर फरार हो गया लेकिन उसका दामाद लव कुमार को जो सदर अस्पताल में संविदा पर लैब टेक्नीशियन के रूप में कार्य करता है, उसे गिरफ्तार किया गया है. साथ ही अन्य कुल 5 आरोपी इसमें पकड़े गए हैं. पकड़े गए आरोपियों की निशानदेही पर कई जगह छापेमारी की गई है. यह पूरा गिरोह सरकारी कर्मी और निजी नर्सिंग होम वालों की मिलीभगत से चल रहा था. पुलिस को कई अहम सुराग हाथ लगे हैं. जिस पर गुप्त रूप से काम चल रहा है. आगे इस पूरे मामले पर पुलिस अपनी कार्रवाई में जुट गई है. कई लोग इस जांच के जद में आएंगे, सभी के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है.’

वहीं, प्राप्त सूचनाओं के अनुसार यह पूरा खेल सदर अस्पताल और विभिन्न सरकारी अस्पतालों में चलने वाले एंबुलेंस चालकों की मदद से कालाबाजारी का था. धंधा फल-फूल रहा था. इसमें अस्पताल में कार्यरत संविदा कर्मी एंबुलेंस चालक और निजी नर्सिंग होम शामिल थे. पुलिस मुख्य अभियुक्त लव कुमार को रिमांड पर लेकर भी पूछताछ करेगी. अब देखना लाजमी होगा कि इस पूरे गोरखधंधा में आपदा को अवसर बनाने वाले कौन-कौन लोग शामिल थे.

(इनपुट- मनोज)