![](https://indiapressnews.com/wp-content/uploads/2021/05/e0a4aae0a58de0a4b0e0a4a7e0a4bee0a4a8e0a4aee0a482e0a4a4e0a58de0a4b0e0a580-e0a4a8e0a587-e0a486e0a49c-e0a4ace0a581e0a4a6e0a58de0a4a7.jpg)
संस्कृति मंत्रालय
प्रधानमंत्री ने आज बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर वर्चुअल वेसाक वैश्विक समारोह में मुख्य भाषण दिया
इस वर्चुअल प्रार्थना कार्यक्रम में दुनिया भर के बौद्ध संघों के प्रमुखों ने भाग लिया
कोविड महामारी से जूझते देश और विश्व के लिए भगवान बुद्ध का संदेश बहुत प्रासंगिक हो गया है: श्री प्रहलाद सिंह पटेल
वेसाक – बुद्ध पूर्णिमा के इस पवित्र दिन पर, हम अष्टांगिक मार्ग को सही मायने में अपनाने और अपने दैनिक जीवन को उसके अनुरूप ढालने का संकल्प लें: श्री किरेन रिजिजू
Posted On: 26 MAY 2021 5:01PM by PIB Delhi
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर वेसाक वैश्विक समारोह में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्य भाषण दिया। इस अवसर पर सम्मानित महासंघ के सदस्यगण, नेपाल और श्रीलंका के प्रधानमंत्री, केन्द्रीय मंत्रियों सर्वश्री प्रह्लाद सिंह एवं श्री किरेन रिजिजू, अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ के महासचिव आदरणीय डॉक्टर धम्मपिया भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर बोलते हुए प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि वेसाक भगवान बुद्ध के जीवन का जश्न मनाने और हमारे ग्रह की बेहतरी के लिए उनके महान आदर्शों और बलिदानों को याद करने का दिन है। उन्होंने कहा कि, उन्होंने, पिछले साल के वेसाक दिवस कार्यक्रम को कोविड-19 महामारी के खिलाफ मानवता की लड़ाई का नेतृत्व करने वाले सभी अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को समर्पित किया था। एक साल बाद, कोविड–19 महामारी ने अभी भी हमें नहीं छोड़ा है और भारत सहित कई देशों ने इसकी दूसरी लहर का सामना किया है। उन्होंने कहा कि इस जीवनकाल में एक बार आनेवाली महामारी ने कई लोगों के दरवाजे पर त्रासदी एवं पीड़ा ला दी है और हर देश को प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि इस महामारी का आर्थिक प्रभाव बहुत बड़ा है और कोविड–19 के बाद हमारा ग्रह पहले जैसा नहीं रह जायेगा। उन्होंने कहा कि पिछले साल की तुलना में कई उल्लेखनीय प्रगति हुई हैं, जैसेकि महामारी की बेहतर समझ, जो इससे लड़ने की हमारी रणनीति को मजबूत बनाती है और टीके का होना, जो जीवन को बचाने और इस महामारी को हराने के लिए नितांत महत्वपूर्ण है। उन्होंने एक साल के भीतर कोविड-19 के टीके विकसित करने के लिए वैज्ञानिकों के प्रयासों की सराहना की और कहा कि यह मानव के दृढ़ संकल्प और अडिग शक्ति को दर्शाता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गौतम बुद्ध का जीवन शांति, सदभाव और सह-अस्तित्व को समर्पित था। लेकिन आज भी ऐसी ताकतें हैं जिनका अस्तित्व नफरत, आतंक और बेमतलब हिंसा फैलाने पर टिका है। उन्होंने कहा कि ऐसी ताकतें उदार लोकतांत्रिक सिद्धांतों में विश्वास नहीं करती हैं। उन्होंने मानवता में विश्वास रखने वाले सभी लोगों को एक साथ आने और आतंकवाद एवं कट्टरपंथ को हराने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध की शिक्षाएं और सामाजिक न्याय को दिया गया महत्व वैश्विक एकता की शक्ति बन सकते हैं।
प्रधानमंत्री के संबोधन के संपूर्ण पाठ के लिए कृपया यहां क्लिक करें
वेसाक-2565वें बुद्ध पूर्णिमा दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, संस्कृति एवं पर्यटन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर सभी को शुभकामनाएं दीं और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया, जिन्होंने 2015 में बुद्ध पूर्णिमा को राष्ट्रीय उत्सव के रूप में मनाने की पहल की थी और इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर तक बढ़ाया। श्री पटेल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आईबीसी) और संस्कृति मंत्रालय हर साल भव्य तरीके से इस कार्यक्रम का आयोजन करते रहे हैं और भगवान बुद्ध की शिक्षाओं और उनके दर्शन को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।
Hon’ble Minister of State (IC) Ministry of Culture & Tourism Shri @prahladspatel address on the auspicious occasion of 2565th #Vesak International #BuddhaPurnima Diwas 2021. #VesakDay @secycultureGOI @PMOIndia @PIBCulture @pspoffice pic.twitter.com/CSh7Su6XFJ
— Ministry of Culture (@MinOfCultureGoI) May 26, 2021
केन्द्रीय मंत्री श्री पटेल ने कहा कि आज देश और पूरी दुनिया कोविड-19 महामारी से जूझ रही है, ऐसे में भगवान बुद्ध की शिक्षाएं हमारे लिए बहुत प्रासंगिक हो गई हैं।
उन्होंने अपने भाषण में भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़ी दो लघु कथाएं सुनाईं और कहा कि इन कहानियों से हमारे सीखने लायक कई महत्वपूर्ण सबक हैं। भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़ी ये कहानियां हमें विपरीत परिस्थितियों और संकट के समय में शांति बनाए रखने के लिए प्रेरित करती हैं। श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने एक बार फिर दोहराया कि इस कठिन समय में भगवान बुद्ध का संदेश बहुत प्रासंगिक है और धैर्य एवं मन की शांति बड़ी से बड़ी चुनौतियों से भी उबरने में मदद कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि आज का दिन भगवान बुद्ध के विचारों को आत्मसात करने और उन्हें अपने जीवन में अपनाने का है।
वर्चुअल वेसाक-बुद्ध पूर्णिमा दिवस समारोह को संबोधित करते हुए, अल्पसंख्यक कार्य, युवा कार्यक्रम एवं खेल तथा आयुष (स्वतंत्र प्रभार) राज्यमंत्री, श्री किरेन रिजिजू ने कहा कि यह विश्व इतिहास में एक अनूठा दिन है जो हमारे भगवान बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण के तिहरे पवित्र दिवस की याद दिलाता है।
‘हम इस वेसाक-बुद्ध पूर्णिमा को भारत, नेपाल और दुनिया के अन्य हिस्सों में कोविड-19 की दूसरी लहर के पीड़ितों के लिए प्रार्थना करने और इस महामारी से मुक्ति पाने के लिए समर्पित कर रहे हैं।’ श्री रिजिजू ने कहा कि ‘मैं चाहता हूं कि आप सभी स्वयं से पहले सेवा देने और इस महामारी से लड़ने में हम सभी की मदद करने के लिए कोरोना योद्धाओं को सलाम करें।‘
My address on the occasion of the 2565th #BuddhaPurnima Diwas Celebration 2021 & Commemoration of UN Day of Vesak. #VesakDay #BuddhaPurnima2021
May Lord Buddha bless us all. pic.twitter.com/BGmN5f2OsC
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) May 26, 2021
केन्द्रीय मंत्री ने भारत और नेपाल को मौजूदा कोविड-महामारी की लहर के दौरान मदद की पेशकश करने के लिए विभिन्न देशों में काम कर रहे आईबीसी सदस्यों और सहयोगी संगठनों के प्रति आभार व्यक्त किया।
उन्होंने आगे कहा कि अब जबकि पूरी दुनिया इस महामारी के अभूतपूर्व संकट से जूझ रही है, यह शुभ दिन हमें अपने व्यक्तिगत और सामूहिक आचरण एवं चेतना, विशेष रूप से आपस में एक दूसरे पर निर्भर रहने वाली प्रकृति, सभी संवेदनशील प्राणियों के कल्याण, करुणा और प्रकृति एवं धरती माता के सम्मान के बारे में सोचने का अवसर प्रदान करता है। उन्होंने आगे कहा कि वेसाक-बुद्ध पूर्णिमा के इस बहुत ही शुभ और पवित्र दिन, हम अष्टांगिक मार्ग को सही मायने में अपनाने और अपने दैनिक जीवन को उसके अनुरूप ढालने का संकल्प लें।
श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने बौद्ध दर्शन के उन उत्कृष्ट विद्वानों, जिन्होंने मानवीय सेवाओं, अंतर-धार्मिक समझ और शांति एवं सद्भाव में अपार योगदान दिया है, को वर्ष 2019, 2020 और 2021 के लिए “वैशाख सम्मान प्रशस्ति पत्र” से सम्मानित किया। वैशाख सम्मान प्रशस्ति पत्र 2015 में स्थापित किया गया था और भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय और अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ द्वारा बुद्ध पूर्णिमा के शुभ अवसर पर प्रतिवर्ष दिया जाता है। यह सम्मान प्रमुख राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय हस्तियों को बौद्ध अध्ययन, अनुसंधान, लेखन, बुद्ध की शिक्षाओं के प्रसार और बौद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में उनके योगदान के लिए दिया जाता है।
सम्मान प्राप्त करने वालों के बारे में विस्तृत विवरण के लिए कृपया यहां क्लिक करें
इस अवसर पर भारत के लोगों द्वारा मंगोलियाई कांग्यूर (त्रिपिटक) के दुर्लभ पाठ के 50 खंडों का एक डिजीटल सेट वर्चुअल माध्यम से मंगोलिया के लोगों को प्रतीकात्मक रूप से प्रस्तुत किया गया।
इस साल बुद्ध पूर्णिमा वैश्विक शांति और कोविड 19 – महामारी से राहत के प्रति समर्पित है।
भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आईबीसी), जोकि एक वैश्विक बौद्ध संगठन है, के सहयोग से दुनिया भर के बौद्ध संघों के प्रमुखों की भागीदारी के साथ एक वर्चुअल प्रार्थना कार्यक्रम का आयोजन किया। कोविड–19 महामारी के प्रभाव के कारण बुद्ध पूर्णिमा समारोह दुनिया भर में वर्चुअल प्रार्थना कार्यक्रम के माध्यम से मनाया गया। इस वर्ष बुद्ध पूर्णिमा वैश्विक शांति और कोविड–19 महामारी से राहत के प्रति समर्पित है।
दुनिया जिस मुश्किल दौर से गुजर रही है उसमें भारत के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए बोधगया-भारत, लुंबिनी-नेपाल, कैंडी-श्रीलंका और भूटान, कंबोडिया, इंडोनेशिया, मलेशिया, मंगोलिया, रूस, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया और ताइवान के प्रमुख बौद्ध मंदिरों में समारोह और प्रार्थनाएं एक साथ आयोजित की गईं।
वेसाक-बुद्ध पूर्णिमा को तथागत गौतम बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण के तिहरे पवित्र दिवस के रूप में माना जाता है।
***
एमजी/एएम/आर/डीवी
(Release ID: 1721978) Visitor Counter : 1