काहिरा: दुनिया के सबसे व्‍यस्‍ततम जलमार्गों में से एक स्‍वेज नहर (Suez Canal) को मार्च में अवरुद्ध करने वाले कंटेनर जहाज एवर गिवन (Ever Given) के मालिक ने इस घटना के लिए नहर अथॉरिटी को जिम्‍मेदार ठहराया है. इस जहाज को अथॉरिटी ने मिस्‍त्र में अपने पास रोक कर रखा है और नहर को बाधित करने के कारण हुए नुकसान के लिए मुआवजा मांगा है. अथॉरिटी के इस फैसले को जहाज के मालिक ने कोर्ट में चुनौती दी है. 

6 दिनों तक फंसा रहा था जहाज 

दुनिया के सबसे बड़े कंटेनर (container) जहाजों में से एक एवर गिवन जहाज 23 मार्च को नहर में फंस गया था. इससे दोनों ओर से आने वाले जहाजों के लिए रास्‍ता बंद हो गया था. नहर में हुए इस ट्रैफिक जाम वैश्विक व्यापार बाधित हो गया था. इसके बाद से ही इस जहाज को नहर के दो हिस्सों के बीच एक झील में रखा गया है. साथ ही स्वेज नहर प्राधिकरण (SCA) ने जापानी मालिक शूई किसेन के खिलाफ $ 916.5 मिलियन (करीब 7,500 करोड़) का दावा ठोक दिया है. 

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खराब मौसम में जहाज को एंट्री देना अथॉरिटी की गलती 

इस्माइलिया इकोनॉमिक कोर्ट में एक अपील कक्ष में शनिवार को जहाज के मामले को लेकर सुनवाई हुई. इसमें जहाज के मालिक की ओर से पेश हुए वकीलों ने तर्क दिया कि खराब मौसम के बीच जहाज को जलमार्ग में प्रवेश देना अथॉरिटी की ही गलती थी. इसी के कारण जहाज नहर में फंसा. साथ ही कहा कि अथॉरिटी अब तक मामले में जहाज द्वारा की गई कोई भी गलती साबित नहीं कर सकी है. 

जहाज मालिक की लीगल टीम के सदस्‍य अबू अली ने कहा कि अदालत में पेश की गई रिकॉर्डिंग से जहाज को नहर में प्रवेश देने संबंधी मसले पर एससीए के पायलटों और इसके कंट्रोल सेंटर के बीच असहमति की बात साबित होती है. 

एससीए ने नहीं दी प्रतिक्रिया 

इस मामले पर एससीए से मांगी गई टिप्पणी को लेकर तुरंत जवाब नहीं मिला लेकिन एससीए ने सार्वजनिक तौर पर अपनी गलती होने की बात से साफ इनकार किया है. वहीं शूई किसेन के वकीलों ने यह भी तर्क दिया है कि एवर गिवेन को इस तरह हिरासत में रखना कानूनी रूप से गलत है. साथ ही जहाज को नहर से निकालने का काम कानूनी अर्थों में बचाव कार्य नहीं था. ऐसे में एससीए को मुआवजा मांगना ही नहीं चाहिए. 

जहाज मालिक ने मांगा 1 लाख डॉलर का मुआवजा 

उधर अथॉरिटी द्वारा जहाज को अपने पास रखने के कारण जहाज मालिक को हुए नुकसान का भी मुआवजा मांगा गया है. मालिक किसेन ने इसके लिए शुरुआती मुआवजे में $ 100,000 (72 लाख रुपये) मांगे हैं. वकीलों और गवाहों ने उम्‍मीद जताई है कि अदालत रविवार को मामले पर फैसला जारी कर सकती है.