वाशिंगटन: अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने कहा है कि बाइडन प्रशासन कोविड-19 के तेजी से बढ़ते मामलों और इसकी वजह से बड़ी संख्या में हो रही मौतों के कारण जरूरत की इस घड़ी में भारत की मदद करने के लिए कृत संकल्पित है क्योंकि भारत का कल्याण अमेरिका के लिए अहम है.

मुश्किल समय में भारत ने की थी हमारी सहायता

भारत में कोविड-19 के तेजी से बढ़ते मामलों और इसकी वजह से बड़ी संख्या में हो रही मौतों को ‘हृदयविदारक’ करार देते हुए उन्होंने कहा कि पूरा बाइडन प्रशासन महामारी के खिलाफ भारत की इस लड़ाई में उसकी मदद करने को प्रेरित है. हैरिस ने कहा, ‘महामारी की शुरुआत में, जब हमारे अस्पताल के बेड कम पड़ने लगे तब भारत ने सहायता भेजी थी. आज, हम भारत को उसकी ज़रूरत के समय में मदद करने के लिए कटिबद्ध हैं.’ वह शुक्रवार को भारत के लिए अमेरिकी कोविड राहत विषय पर विदेश विभाग के प्रवासी संपर्क कार्यक्रम में बोल रही थीं.

हम मिल जुलकर लड़ेंगे अपनी लड़ाई

उन्होंने कहा, ‘भारत के मित्र, एशियाई क्वाड के सदस्यों के रूप में एवं वैश्विक समुदाय के हिस्से के रूप में हम यह मदद कर रहे हैं. मेरा मानना है कि यदि हम –विभिन्न देशों एवं क्षेत्रों के बीच मिलकर काम करते रहेंगे तो हम इस स्थिति से बाहर आ जायेंगे.’

अमेरिकी सरकार दे रही 10 करोड़ डॉलर की मदद

बाइडन -हैरिस प्रशसन ने कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए भारत के लिए 10 करोड़ डॉलर की सहायता की घोषणा की है. पिछले एक सप्ताह में कोविड-19 सहायता सामग्री से लदे छह विमान अमेरिका से भारत पहुंचे हैं. व्हाइट हाउस और विदेश विभाग कॉरेपोरेट जगत के साथ समन्वय बनाकर चल रहे हैं और इस क्षेत्र ने भारत को जो राहत पहुंचायी है, वह किसी भी देश के लिए अप्रत्याशित है.

कई संस्थाएं भी राहत कार्यों में जुटी हैं 

भारतीय अमेरिकी लाखों डॉलर जुटा रहे हैं और वे जीवनरक्षक चिकित्सा उपकरण एवं दवाइयां भारत भेज रहे हैं. सेवा इंटरनेशनल यूएसए ने एक करोड़ डॉलर से अधिक की राशि जुटायी है, अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ऑरिजिन ने 35 लाख डॉलर का इंतजाम किया है और इंडियास्पोरा ने 20 लाख डॉलर की व्यवस्था की है. उपराष्ट्रपति ने कहा, सालों से इंडियास्पोरा और अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन जैसे प्रवासी संगठनों ने अमेरिका और भारत के बीच सेतु बनाया है. पिछले साल आपने कोविड-19 राहत प्रयासों में बड़ा योगदान दिया. आपके कार्य के लिए आपको धन्यवाद.’ उन्होंने कहा, ‘आपमें से कई जानते हैं कि मेरे परिवार की पीढ़ियां भारत से आयीं. मेरी मां भारत में पैदा हुईं और पली-बढ़ीं. मेरे परिवार के ऐसे सदस्य हैं जो आज भी भारत में रहते हैं. भारत का कल्याण अमेरिका के लिए अहम है.’

जान गंवाने वालों के साथ हमारी संवेदना

हैरिस ने कहा, ‘ भारत में कोविड-19 संक्रमण एवं मौतों में वृद्धि हृदयविदारक है. जिन्होंने अपनों को खोया है, उनके प्रति मैं अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं. जैसे ही प्रकृति का यह स्वरूप सामने आया, हमारा प्रशासन हरकत में आ गया.’ उनका इशारा संकट की इस घड़ी में बाइडन-हैरिस प्रशासन द्वारा भारत की मदद के लिए उठाए गए कदमों की ओर था.

वाशिंगटन: अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने कहा है कि बाइडन प्रशासन कोविड-19 के तेजी से बढ़ते मामलों और इसकी वजह से बड़ी संख्या में हो रही मौतों के कारण जरूरत की इस घड़ी में भारत की मदद करने के लिए कृत संकल्पित है क्योंकि भारत का कल्याण अमेरिका के लिए अहम है.

मुश्किल समय में भारत ने की थी हमारी सहायता

भारत में कोविड-19 के तेजी से बढ़ते मामलों और इसकी वजह से बड़ी संख्या में हो रही मौतों को ‘हृदयविदारक’ करार देते हुए उन्होंने कहा कि पूरा बाइडन प्रशासन महामारी के खिलाफ भारत की इस लड़ाई में उसकी मदद करने को प्रेरित है. हैरिस ने कहा, ‘महामारी की शुरुआत में, जब हमारे अस्पताल के बेड कम पड़ने लगे तब भारत ने सहायता भेजी थी. आज, हम भारत को उसकी ज़रूरत के समय में मदद करने के लिए कटिबद्ध हैं.’ वह शुक्रवार को भारत के लिए अमेरिकी कोविड राहत विषय पर विदेश विभाग के प्रवासी संपर्क कार्यक्रम में बोल रही थीं.

हम मिल जुलकर लड़ेंगे अपनी लड़ाई

उन्होंने कहा, ‘भारत के मित्र, एशियाई क्वाड के सदस्यों के रूप में एवं वैश्विक समुदाय के हिस्से के रूप में हम यह मदद कर रहे हैं. मेरा मानना है कि यदि हम –विभिन्न देशों एवं क्षेत्रों के बीच मिलकर काम करते रहेंगे तो हम इस स्थिति से बाहर आ जायेंगे.’

अमेरिकी सरकार दे रही 10 करोड़ डॉलर की मदद

बाइडन -हैरिस प्रशसन ने कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए भारत के लिए 10 करोड़ डॉलर की सहायता की घोषणा की है. पिछले एक सप्ताह में कोविड-19 सहायता सामग्री से लदे छह विमान अमेरिका से भारत पहुंचे हैं. व्हाइट हाउस और विदेश विभाग कॉरेपोरेट जगत के साथ समन्वय बनाकर चल रहे हैं और इस क्षेत्र ने भारत को जो राहत पहुंचायी है, वह किसी भी देश के लिए अप्रत्याशित है.

कई संस्थाएं भी राहत कार्यों में जुटी हैं 

भारतीय अमेरिकी लाखों डॉलर जुटा रहे हैं और वे जीवनरक्षक चिकित्सा उपकरण एवं दवाइयां भारत भेज रहे हैं. सेवा इंटरनेशनल यूएसए ने एक करोड़ डॉलर से अधिक की राशि जुटायी है, अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ऑरिजिन ने 35 लाख डॉलर का इंतजाम किया है और इंडियास्पोरा ने 20 लाख डॉलर की व्यवस्था की है. उपराष्ट्रपति ने कहा, सालों से इंडियास्पोरा और अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन जैसे प्रवासी संगठनों ने अमेरिका और भारत के बीच सेतु बनाया है. पिछले साल आपने कोविड-19 राहत प्रयासों में बड़ा योगदान दिया. आपके कार्य के लिए आपको धन्यवाद.’ उन्होंने कहा, ‘आपमें से कई जानते हैं कि मेरे परिवार की पीढ़ियां भारत से आयीं. मेरी मां भारत में पैदा हुईं और पली-बढ़ीं. मेरे परिवार के ऐसे सदस्य हैं जो आज भी भारत में रहते हैं. भारत का कल्याण अमेरिका के लिए अहम है.’

जान गंवाने वालों के साथ हमारी संवेदना

हैरिस ने कहा, ‘ भारत में कोविड-19 संक्रमण एवं मौतों में वृद्धि हृदयविदारक है. जिन्होंने अपनों को खोया है, उनके प्रति मैं अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं. जैसे ही प्रकृति का यह स्वरूप सामने आया, हमारा प्रशासन हरकत में आ गया.’ उनका इशारा संकट की इस घड़ी में बाइडन-हैरिस प्रशासन द्वारा भारत की मदद के लिए उठाए गए कदमों की ओर था.