देवास के नेमावर में आदिवासी परिवार के सदस्यों के हत्याकांड को 13 मई की रात को ही अंजाम दे दिया गया था। हत्या की वजह अफेयर के बाद शादी के लिए दबाव डालना बना। रूपाली और मुख्य आरोपी सुरेंद्र राजपूत पर शादी के लिए दबाव डाल रही थी। हत्याकांड से कुछ दिन पहले उसने सुरेंद्र की मंगेतर पर इंस्टाग्राम पर आपत्तिजनक पोस्ट की थी। इसके बाद सुरेंद्र ने हत्या की साजिश रची थी।

उसने रूपाली को पहले खेत पर शादी के लिए बुलाया और हत्या कर दी। इसके बाद उसी की स्कूटी से रूपाली की मां और बहनों को लाकर मार डाला। सभी को रॉड मारने के बाद गला घोंटकर हत्या की गई थी। मामला छिपाने के लिए खेत में JCB से 10 से 12 फीट गड्‌ढा खोदकर दफना दिया गया था। हत्याकांड के मुख्य आरोपी समेत 7 को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

क्या हुआ था उस रात

देवास ​SP शिवदयाल सिंह ने बताया कि घर में ममता बाई (45) अपनी बेटी रूपाली (22), दिव्या (14) के साथ रह रही थी। पीथमपुर से ममताबाई की भतीजी नीतू की बेटी पूजा (15) और पवन (14) भी आए हुए थे। 13 मई की रात सुरेंद्र ने रूपाली को शादी के संबंध में अपने खेत पर बुलाया था। वह अपनी स्कूटी से खेत पर आई।

यहां उसकी रॉड मारकर हत्या कर दी और शव दफना दिया। इसके बाद सुरेंद्र का भाई स्कूटी लेकर रूपाली के घर गया और उसकी मां और बहन दिव्या को ले आया। दोनों के साथ आरोपियों ने ऐसा ही किया। मामला सामने न आए, इसलिए उन्होंने पूजा और पवन को भी खेत पर लाकर हत्या कर दी। पांचाें शव को JCB से गड्‌ढा खोदकर दफना दिया।

पुलिस यहां गुमराह हुई

27 मई को ममता बाई की भतीजी नीतू नेमावर थाने पहुंची। उसने अपने बेटे पवन और बेटी पूजा के अपहरण की आशंका रूपाली पर जताई। इसके बाद पुलिस का पूरा फोकस रूपाली पर हो गया।
रूपाली के मोबाइल से उसके सोशल मीडिया पर सही होने और फोटो अपडेट हो रहे थे। इसलिए पुलिस को इस हत्याकांड का अंदाजा नहीं था। वह सोच रहा था कि आदिवासी परिवार कहीं और शिफ्ट हो गया है।
थाने रूपाली का भाई संतोष के साथ सुरेंद्र राजपूत भी मामले की पैरवी करने जाता था। इस लिए पुलिस की नजर में शुरू में सुरेंद्र नहीं आ पाया।

ऐसे हुआ खुलासा

लापता ममता बाई की बड़ी बेटी भारती पीथमपुर में काम करती है। 17 मई को जब वह घर अपने भाई संतोष के साथ लौटी तो कोई नहीं मिला। इसके बाद उसने नेमावर थाने में पांचों की गुमशुदगी दर्ज कराई। सभी जगह तलाश की गई, लेकिन पता नहीं चला। संतोष के साथ बार-बार सुरेंद्र थाने आता था। वह जताने की कोशिश करता कि परिवार का काफी करीबी है। इस पर पुलिस ने फोकस किया।

रूपाली और उसके कॉल डिटेल निकलवाई तो अफेयर की बात सामने आई। इधर, मुखबिर ने दोनों के अफेयर होने की बात गांव वालों के हवाले से बताई। पुलिस ने पूरा फोकस सुरेंद्र राजपूत पर किया। उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पता चला कि उसका रूपाली से तीन साल से अफेयर था। उसने हत्याकांड की पूरी कहानी पुलिस को सुनाई।

नेमवार में तनाव की स्थिति, आरोपियों को दूसरे थाने में शिफ्ट किया

मंगलवार शाम को हत्याकांड के खुलासे के बाद बुधवार को नेमावर में आदिवासी समाज के लोग काफी संख्या में जुट गए। पुलिस ने मुख्य आरोपी सुरेंद्र राजपूत, उसका छोटे भाई वीरेंद्र राजपूत, विवेक तिवारी , राजकुमार, मनोज काेरकू, करण कोरकू और राकेश निमोर को दूसरे थाने में शिफ्ट कर दिया। नेमवार में तनाव की स्थिति बनी हुई है। IG योगेश देशमुख नेमवार पहुंचे। उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण किया।