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जल शक्ति मंत्रालय

पुड्डुचेरी ‘हर घर जल’ वाला केंद्र शासित प्रदेश बना

पंजाब, दादरा और नागर हवेली और दमन और दीव ने 75 प्रतिशत ग्रामीण घरों तक नल द्वारा जल पहुंचाने का कीर्तिमान रचा

Posted On: 10 MAY 2021 6:35PM by PIB Delhi

पुड्डुचेरी ‘हर घर जल’ के लक्ष्य को प्राप्त करने वाला केंद्र शासित प्रदेश बन गया है क्योंकि यहां हर ग्रामीण घर में नल द्वारा पानी कनेक्शन सुनिश्चित कर दिया गया है। केंद्र सरकार के फ्लैगशिप कार्यक्रम, जल जीवन मिशन के तहत हर ग्रामीण घर तक पानी की आपूर्ति करने वाला पुड्डुचेरी चौथा केंद्र शासित प्रदेश बन गया है। इससे पहले गोवा, तेलंगाना और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह इस लक्ष्य पर प्राप्त कर चुके हैं।

कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझेदारी में जल जीवन मिशन 2024 को कार्यान्वित किया जा रहा है। इसके तहत साल 2024 तक हर ग्रामीण घर में नियमित तौर पर पर्याप्त मात्रा में निर्धारित गुणवत्ता वाले जल की सप्लाई सुनिश्चित करने का लक्ष्य है। पुड्डुचेरी द्वारा प्राप्त यह उपलब्धि जल जीवन मिशन की सफलता का सही समय पर आया एक और संकेतक है क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग घर पर नियमित रूप से हाथ धो सकते हैं और सार्वजनिक स्टैंड पोस्ट पर भीड़ से बचकर सामाजिक दूरी बनाए रख सकते हैं। हालांकि पुड्डुचेरी में विधानसभा चुनाव के कारण इस उपलब्धि को हासिल करने में देरी हुई, लेकिन यूटी प्रशासन का प्रयास सराहनीय है।

इसके अलावा, पंजाब और दादरा और नागर हवेली और दमन और दीव ने भी सुनिश्चित नल जल आपूर्ति के साथ 75 प्रतिशत ग्रामीण घरों को कवर करने का मील का पत्थर हासिल कर लिया है। 34.73 लाख में से पंजाब के 26.31 लाख घरों (76 प्रतिशत) में नल द्वारा पानी की आपूर्ति है और पंजाब राज्य में 2022 तक सभी ग्रामीण परिवारों के 100 प्रतिशत कवरेज की योजना है।

पुड्डुचेरी के सभी 1.16 लाख ग्रामीण घरों में अभी पानी की आपूर्ति है। इस केंद्र शासित प्रदेश ने निर्धारित लक्ष्य से बहुत पहले ही ‘हर घर जल’ का दर्जा हासिल किया है। अप्रैल 2021 में पुड्डुचेरी की वार्षिक कार्य योजना को अंतिम रूप देने के दौरान यूटी से आग्रह किया गया था कि वह मनरेगा, जल जीवन मिशन, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण), पंचायती राज संस्थाओं को 15वें वित्त आयोग अनुदान, जिला खनिज विकास कोष, क्षतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन और योजना प्राधिकरण (कैंपा) ग्रामीण स्तर पर सीएसआर फंड, स्थानीय क्षेत्र विकास निधि आदि को इस कार्य पर सही तरीके से खर्च करे और ग्राम कार्य योजना इन संसाधनों को लंबे समय तक पीने के पानी की सुरक्षा प्राप्त करने के लिए बनाई जाए। पुड्डुचेरी पानी की गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाओं के लिए एनएबीएल मान्यता प्राप्त करने और सभी पेयजल स्रोतों का परीक्षण अभियान स्तर पर करने की योजना भी बना रहा है।

केंद्र शासित प्रदेश पुड्डुचेरी अब घरों से निकलने वाले पानी के प्रभावी उपचार और उसके पुन: उपयोग की योजना बना रहा है। यूटी सक्रिय रूप से जल स्रोत स्थिरता की दिशा में काम कर रहा है। पॉन्डिचेरी क्षेत्र, कराइकल, यानम और माहे क्षेत्र चार अलग-अलग स्थानों पर हैं, भौगोलिक रूप से एक-दूसरे से अलग हैं। पुड्डुचेरी में कई नदियों और सहायक नदियों का धन है। पुड्डुचेरी जिले में पांच नदियां, कराइकल जिले में सात, महे जिले में दो और यनम जिले में एक नदी है और सभी समुद्र में जाकर मिलती हैं, लेकिन किसी भी नदी का उद्गम पुड्डुचेरी के भीतर से नहीं होता है। पुड्डुचेरी में 84 सिंचाई टैंक और 500 से अधिक तालाब हैं जो भूजल रिचार्जिंग सिस्टम, पेयजल और कृषि के लिए जीवन रेखा हैं। पुड्डुचेरी लगातार तालाबों की डी-सिल्टिंग यानी गाद बाहर निकालने और इसके स्थानीय जल निकायों के कायाकल्प की दिशा में काम कर रहा है, जो पेयजल आपूर्ति योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण है। एक प्रभावी सामुदायिक जुटाव और भागीदारी को इस केंद्रशासित प्रदेश ने बेहतरीन सूचना, जागरूकता और संवाद की योजना के जरिए प्राप्त किया है।

जल जीवन मिशन केंद्र सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण घर में नल द्वारा जल कनेक्शन उपलब्ध कराना है। 2021-22 में, जल जीवन मिशन के लिए 50,011 करोड़ रुपए के बजट आवंटन के अलावा, 26,940 करोड़ रुपए की कई सुनिश्चित निधि भी उपलब्ध हैं। यह 15वें वित्त आयोग से संबंधित अनुदान है जो पानी और स्वच्छता के लिए ग्रामीण स्थानीय संस्थाओं और पंचायती राज संस्थानों को दिया जाता है। राज्य के हिस्से की बराबरी और बाहरी सहायता के साथ-साथ राज्य द्वारा वित्त पोषित परियोजनाओं के लिए इसे प्रदान किया जाता है। इस प्रकार, 2021-22 में देश भर के ग्रामीण घरों में नल द्वारा जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की योजना है। ग्रामीण क्षेत्रों में इस तरह के निवेश से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।

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