कोलकाता: पश्चिम बंगाल (West Bengal) की तीसरी बार मुख्यमंत्री बनी ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने गुरुवार को केंद्र (Central Government) की कोरोना नीति पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा, ‘केंद्र द्वारा कोई पारदर्शी नीति नहीं है, मैंने PM मोदी को लिखकर इसमें बदलाव का आग्रह किया है. चिट्ठी लिखी है, मैंने उनसे निपुण नीति बनाने का अनुरोध किया है.’

‘संसद के लिए पैसा पर वैक्सीन के लिए नहीं’

इतना ही नहीं, ममता ने मुफ्त टीकाकरण (Free Vaccination) के मुद्दे पर भी केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा, ‘पीएम मोदी से मुझे अब तक कोई जवाब नहीं मिला है. जबकि वे  20,000 करोड़ रुपये खर्च करके नई संसद और मूर्तियां बना रहे हैं. लेकिन टीकों के लिए 30,000 करोड़ रुपये आवंटित नहीं कर रहे हैं. ममता ने पूछा कि पीएम केयर फंड (PM Care Fund) कहां है? क्यों वे युवा लोगों के जीवन को खतरे में डाल रहे हैं?

हिंसा में मारे गए लोगों को 2-2 लाख का मुआवजा

इसके साथ ही सीएम ममता ने विधान सभा चुनाव के नतीजे आने के बाद हुई हिंसा में मारे लोगों को 2-2 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान भी किया. उन्होंने कहा, ‘जब प्रदेश की कानून व्यवस्था चुनाव आयोग के हाथ में थी, उस दौरान हिंसा में 16 लोग मारे गए. इनमें से आधे TMC के थे, और आधे BJP से जुड़े थे. लेकिन राज्य सरकार बिना भेदभाव सभी को आर्थिक मदद पहुंचाएगी.

‘BJP नेताओं ने बंगाल में फैलाया कोरोना’

ममता ने इस दौरान बीजेपी पर जनादेश न स्वीकारने का आरोप लगाया, और कहा कि बीजेपी के नेता इधर-उधर घूम रहे हैं. वे लोगों को भड़का रहे हैं. नई सरकार को आए अभी 24 घंटे भी नहीं हुए और वे चिट्ठियां भेज रहे हैं. कोरोना की दूसरी लहर के बावजूद ये टीम एक राज्य से दूसरे राज्य आ-जा रही है. लेकिन अब अगर मंत्री आते हैं तो उन्हें स्पेशल फ्लाइट्स के लिए भी RT-PCR नेगेटिव रिपोर्ट लाना पड़ेगा. क्योंकि नियम सभी के लिए समान हैं. बीजेपी नेताओं के बार-बार यहां आने के कारण प्रदेश में COVID बढ़ रहा है.

TMC ने खून से मनाया था जीत का जश्न

गौरतलब है कि बंगाल चुनाव के नतीजे आने के तुरंत बाद ही राज्य में हिंसा भड़क गई थी. इस दौरान टीएमसी समर्थकों ने ममता बनर्जी की जीत का जश्न गुलाल के बजाय खून बहाकर मनाया था. हिंसा में बीजेपी और टीएमसी दोनों ही दलों के कार्यकर्ताओं की हत्या हुई. एक तरफ बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने दावा किया कि हिंसा में बीजेपी के कम से कम 14 कार्यकर्ता मारे गए हैं. वहीं टीएमसी सुप्रीमो ने भी आरोप लगाया है कि उनके कई कार्यकर्ताओं की इस हिंसा में मौत हो गई है.

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