UK and Pakistan signed an agreement: ब्रिटेन में अवैध तरीके से रह रहे पाकिस्तान नागरिकों के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. अब ब्रिटेन ने पाकिस्तान के साथ एक नया समझौता किया है जिसके तहत ब्रिटेन में रहने के लिए कानूनी अधिकार नहीं रखने वाले पाकिस्तानी नागरिकों को देश से बाहर करना है. ‘रिटर्न्स एग्रीमेंट’ पर ब्रिटिश गृह मंत्री प्रीति पटेल, पाकिस्तान के उनके समकक्ष युसूफ नसीम खोखर और ब्रिटेन में नियुक्त पाकिस्तानी उच्चायुक्त मोअज्जम अहमद खान ने लंदन में एक खास डील साइन की है. ब्रिटेन ने इस फैसले को ऐतिहासिक करार दिया है क्योंकि उनके मुल्क में प्रवासी पाकिस्तानी रह रहे थे जिनके पास कानूनी अधिकार तक नहीं थे.
जेलों में बंद हैं पाकिस्तानी नागरिक
प्रीति पटेल ने डील को लेकर कहा कि विदेशी अपराधियों और आव्रजन नियमों का उल्लंघन करने वालों को ब्रिटेन से उनके मुल्क पाकिस्तान भेजने के लिए हमारे पाकिस्तानी मित्रों के साथ एक नये ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर करने का मुझे गर्व है. ब्रिटेन के गृह कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक इंग्लैंड और वेल्स की जेलों में सर्वाधिक विदेशी अपराधियों में पाकिस्तानी नागरिकों की संख्या सातवें स्थान पर है.
इस डील को पूर्व की इमरान खान सरकार में ही अंतिम रूप दे दिया गया था लेकिन उसके बाद पाकिस्तान में सत्ता बदल गई और अब शहबाज शरीफ देश के प्रधानमंत्री हैं. ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने बताया कि यह कोई प्रत्यर्पण संधि नहीं है और इस समझौते का पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा, जो इलाज के बहाने लंदन में रह रहे हैं. ब्रिटिश गृह कार्यालय ने कहा कि नई डील का मकसद पाकिस्तानी नागरिकों को हटाना है जिनके पास ब्रिटेन में रहने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है.
प्रीति पटेल ने बताया जरूरी कदम
ब्रिटिश सरकार ने कहा कि यह पांचवीं रिटर्न डील है जिस पर गृह मंत्री ने 15 महीनों में साइन किए हैं. प्रीति पटेल ने कहा कि मैं खतरनाक विदेशी अपराधियों और आव्रजन अपराधियों को हटाने के लिए कोई माफी नहीं मांगती, जिन्हें UK में रहने का कोई अधिकार नहीं है. ब्रिटिश जनता ने काफी हद तक हमें सबक सिखाया है और सिस्टम को भी जमकर कोसा है जो अब तक इन्हें देश से बाहर नहीं कर पा रहा था.
ब्रिटेन और पाकिस्तान ने यह डील अवैध प्रवास के मुद्दे और दोनों देशों के लिए अहम खतरों से निपटने के लिए की है.साथ ही इस करार में ब्रिटेन-पाकिस्तानी कानून प्रवर्तन सहयोग में सुधार और विस्तार के लिए चल रहे काम भी शामिल हैं. जनवरी 2019 से अब तक ब्रिटेन ने दुनियाभर के 10 हजार से ज्यादा विदेशी अपराधियों को देश से बाहर किया है.
(एजेंसी के इनपुट के साथ)
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