काबुल: अफगानिस्तान की राजधानी में शनिवार देर रात उत्तरी छोर पर ईंधन के कई टैंकरों में आग लगने से कम से कम सात लोगों की मौत हो गई और 14 अन्य घायल हो गए. गृह मंत्रालय के प्रवक्ता तारिक आरियान ने रविवार को बताया कि जांचकर्ता जलकर खाक हो चुके टैंकरों और एक गैस स्टेशन की अच्छी तरह से जांच-पड़ताल कर रहे हैं. इस गैस स्टेशन में भी आग लग गई थी.

आगजनी की वजह का खुलासा नहीं

यह तत्काल नहीं पता चल सका है कि आग दुर्घटनावश लगी या जानबूझकर लगाई गई है. यह घटना ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका और नाटो के शेष बचे सैनिकों की देश से वापसी शुरू हो गई है जो अफगानिस्तान में अमेरिका के सबसे बड़े युद्ध को समाप्त कर देगा.

20 साल से अफगानिस्तान में मौजूद अमेरिकी सेना

सभी 2,500-3,500 अमेरिकी सैनिकों और करीब 7,000 नाटो संबद्ध बलों के 11 सितंबर तक अफगानिस्तान से वापस बुला लिया जाएगा. अमेरिका में 11 सितंबर 2001 के आतंकवादी हमलों के बाद सैनिकों को अफगानिस्तान भेजा गया था.

अरियान ने कहा कि चिंगारी से ईंधन के एक टैंकर में आग लग गई. इसके बाद पास के कई टैंकर आग की चपेट में आ गए जिसने भीषण रूप ले लिया. काबुल के उत्तरी छोर में लगी आग ने कई घरों और एक गैस स्टेशन को अपनी चपेट में ले लिया. कई ढांचे नष्ट हो गए तथा काबुल के अधिकतर इलाकों की बिजली गुल हो गई. ट्रक चालकों ने रविवार को सड़क बाधित कर सरकार से मुआवजे की मांग की.

कई घंटे बाद बुझी आग

घायलों का स्थानीय अस्पतालों में इलाज चल रहा है. घटना के बाद दमकल कर्मी मौके पर पहुंच गए लेकिन उनकी क्षमता सीमित थी और उन्हें आग पर काबू पाने में घंटों लग गए. रविवार सुबह जल कर खाक हो चुके सामान में से आग की लपटे निकल रही थीं.

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