नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर कब थमेगी इस सवाल का सटीक जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है. देश के अलग-अलग राज्यों में कोरोना का कहर जारी है. हालात कैसे बिगड़े, कोरोना को लेकर कहां चूक हुई और इसके जिम्मेदार कौन लोग थे इन मुद्दों पर लंबी बहस का दौर जारी है. 

इस बीच आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) सोमवार को नोएडा निवासी एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड (AOR), संजय कुमार पाठक द्वारा दायर उस जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई करेगा, जिसमें कोविड -19 महामारी संबंधी दिशानिर्देशों (COVID-19 Protocols) को सख्ती से लागू करने के साथ उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी जिन्होंने कई राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव और कुंभ मेले के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया था.

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जनहित याचिका में थी ये मांग

जस्टिस डी वाई चंद्रचूड की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की तीन सदस्यीय बेंच मामले की सुनवाई करेगी. इस बेंच में जस्टिस नागेश्वर राव और रवींद्र भट भी मौजूद होंगे जो एडवोकेट की उस याचिका पर सुनवाई करेगी जो 16 अप्रैल को दायर हुई थी. 

एडवोकेट पाठक ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में, कोरोना से संबंधित आंकड़ों का हवाला देते हुए केंद्र और उत्तराखंड को तत्काल कड़े निर्देश जारी करने की मांग की थी ताकि उन सभी विज्ञापनों को फौरन हटाया जा सके जिसमें लोगों को महाकुंभ में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था. 

उन्होंने यह भी मांग की था कि केंद्र, उत्तराखंड सरकार और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) को निर्देश दिया जाए कि हरिद्वार शहर से भीड़ को जल्द से जल्द हटाया जाए और कुंभ से लौटने वाले लोगों का पूरा सम्मान सुनिश्चित करने के साथ एक सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करवाया जाए.

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