PM Modi Independence Day 2022 Speech: आजादी के 75वें वर्ष के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को लगातार नौंवी बार लाल किले से देश को संबोधित किया. अपने संबोधन में पीएम मोदी भावुक नजर आए और एक सख्त संदेश दिया. पीएम मोदी ने कहा कि हम लोग अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में महिलाओं का अपमान करते हैं, जो स्वीकार नहीं है.

लाल किले से बताई पीड़ा

पीएम मोदी ने कहा, “मैं लाल किले से अपनी एक पीड़ा से बताना चाहता हूं. मैं इसे कहे बिना नहीं रह सकता. शायद ये लालकिले का विषय नहीं हो सकता. लेकिन मेरे भीतर का दर्द मैं कहां कहूं. देशवासियों के सामने नहीं कहूंगा तो कहां कहूंगा और वो है कि किसी ना किसी कारण से हमारे अंदर एक विकृति आई है, हमारे बोलचाल में, हमारे व्यवहार में, हमारे कुछ शब्दों में, हम नारी का अपमान करते हैं. क्या हम स्वभाव से, संस्कार से, रोजमर्रा की जिंदगी में नारी को अपमानित करने वाली हर बात से मुक्ति का संकल्प ले सकते हैं. नारी का गौरव राष्ट्र के सपने पूरे करने में बहुत बड़ी पूंजी बनने वाला है. ये सामर्थ्य मैं देख रहा हूं.”

 

भाई-भतीजावाद पर प्रहार

पीएम मोदी ने भाई-भतीजावाद, अनुसंधान समेत कई मुद्दों का अपने भाषण में जिक्र किया. उन्होंने कहा, जब मैं भाई-भतीजावाद और परिवारवाद की बात करता हूं, तो लोगों को लगता है कि मैं सिर्फ राजनीति की बात कर रहा हूं. दुर्भाग्य से राजनीतिक क्षेत्र की उस बुराई ने हिंदुस्तान के हर संस्थान में परिवारवाद को पोषित कर दिया है. भ्रष्टाचार देश को दीमक की तरह खोखला कर रहा है, उससे देश को लड़ना ही होगा. हमारी कोशिश है कि जिन्होंने देश को लूटा है, उनको लौटाना भी पड़े, हम इसकी कोशिश कर रहे हैं.

सेना को सैल्यूट

पीएम ने आगे कहा, आज देश की सेना के जवानों का हृदय से अभिनंदन करना चाहता हूं. मेरी आत्मनिर्भर की बात को संगठित स्वरूप में, साहस के स्वरूप में, सेना के जवानों और सेनानायकों ने जिस जिम्मेदारी के साथ कंधे पर उठाया, उनको आज मैं सैल्यूट करता हूं. आजादी के 75 साल के बाद जिस आवाज को सुनने के लिए हमारे कान तरस रहे थे, वो आज 75 साल के बाद वो आवाज सुनाई दी है. 75 साल के बाद लाल किले पर तिरंगे को सलामी देने का काम पहली बार मेड इन इंडिया तोप ने किया है. हमारी कोशिश प्रयास है कि देश के युवाओं को असीम अंतरिक्ष से लेकर समंदर की गहराई तक रिसर्च के लिए भरपूर मदद मिले. इसलिए हम स्पेस मिशन का विस्तार कर रहे हैं. स्पेस और समंदर की गहराई में ही हमारे भविष्य के लिए जरूरी समाधान हैं.

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