न्यूयॉर्क: कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी की दूसरी लहर में भारत के ग्रामीण इलाकों के प्रभावित होने के चलते अमेरिका में प्रवासी भारतीय डॉक्टर्स, पेशेवरों और भारत में चिकित्सा समुदाय के लोगों ने अनूठी पहल की है. इसमें डिजिटल माध्यम से ग्रामीण इलाके के स्वास्थ्य कर्मियों को कोविड-19 (Covid-19) के इलाज संबंधी जानकारी दी जाएगी और रियल टाइम में अस्पतालों में बिस्तर की स्थिति के बारे में बताया जाएगा. इसके साथ ही वैक्सीन को लेकर भ्रम को भी दूर करने की कोशिश की जाएगी.

डॉक्टर्स और स्वास्थ्य कर्मियों को दी जा रही ट्रेनिंग

बता दें कि प्रोजेक्ट मदद (Project Madad) पहल का उद्देश्य स्थानीय स्वास्थ्य कर्मियों और पंजीकृत डॉक्टर्स को ‘उचित शिक्षा और प्रशिक्षण’ देना है, जो ग्रामीण भारत में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए जरूरी है.

‘प्रोजेक्ट मदद’ कोरोना रोकने में साबित होगा कारगर

प्रोजेक्ट मदद की टीम शुरुआत में तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में कार्यरत पंजीकृत डॉक्टर्स के साथ काम रही है और उम्मीद है कि इसका विस्तार अन्य इलाकों में ग्रामीण स्वस्थ्य कर्मियों को कोविड-19 के लक्षणों की पहचान, हल्के लक्षण वालों का घर में ही इलाज करने और वैक्सीनेशन (Vaccination) की सलाह, ज्यादा दवाएं खाने के खतरे और अन्य बेहतरीन उपायों के लिए प्रशिक्षित करने में किया जाएगा.

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ऐसे हुई ‘प्रोजेक्ट मदद’ की शुरुआत

प्रोजेक्ट मदद को लीड कर रहे राजा कार्तिकेय ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘जब कोविड-19 संकट की शुरुआत हुई तो हमने पाया कि ग्रामीण भारत पर हमारा ध्यान बिल्कुल नहीं गया.’

अमेरिका के न्यूयॉर्क में रहने वाले कार्तिकेय ने उदाहरण दिया कि तेलंगाना के करीमनगर में 70 से 80 प्रतिशत संक्रमित ग्रामीण इलाकों के हैं और यह चलन अन्य जगहों पर भी देखने को मिल रहा है.

वहीं मिनियापोलीस में रह रहे रेडियालॉजी एक्सपर्ट डॉक्टर सुब्बराव इनामपुडी ने कहा, ‘हमारा उद्देश्य भारत की अधिकांश ग्रामीण आबादी पर ध्यान केंद्रित करना है. हमने गांवों में पंजीकृत डॉक्टर्स से जोर देकर कहा कि 80 प्रतिशत संक्रमित आसानी से ठीक हो जाएंगे. हमें वास्तव में डर को दूर करना है और उनके डर को सतर्कता में बदलना है.’

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उन्होंने कहा कि टीम का मुख्य जोर ग्रामीण डॉक्टर्स को कोविड-19 के हल्के लक्षण वाले मामलों को मध्यम या गंभीर बनने से रोकने के लिए प्रशिक्षित करना है और उन्हें बताना है कि ऐसी स्थिति होने पर वे क्या करें.

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