इस्लामाबाद: पाकिस्तान के बड़बोले विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Shah Mahmood Qureshi) ने बीते दिनों कश्मीर पर कुछ ऐसा कहा कि अपने ही घर में घिर गए. विपक्षी पार्टियों से लेकर कट्टरपंथी संगठनों तक ने उनकी आलोचना की. जब माहौल गर्माया तो कुरैशी को अहसास हुआ कि वह क्या बोल गए हैं. इसके बाद उन्होंने तुरंत एक बयान जारी करते हुए अपने पहले बयान को गलत करार दे डाला. वैसे, ये कोई पहला मौका नहीं है जरूरत से ज्यादा बोलने की आदत की वजह से विदेश मंत्री कई बार अपनी और मुल्क की बेइज्जती करवा चुके हैं.     

विपक्ष ने बनाया निशाना
दरअसल, कुछ दिन पहले एक पाकिस्तानी चैनल को दिए इंटरव्यू में कुरैशी ने अनुच्छेद 370 को भारत का आंतरिक मामला बता दिया था. इसके बाद पाकिस्तान में उनकी जमकर आलोचना हुई. नौबत यहां तक आ गई कि कुरैशी को सफाई देनी पड़ी. सोमवार को उन्होंने ट्वीट करके कहा कि जम्मू-कश्मीर कभी भी भारत का आंतरिक मामला हो ही नहीं सकता है.

यह कहा था Qureshi ने
पाकिस्तानी पत्रकार ने सोशल मीडिया (Social Media) पर कुरैशी के इंटरव्यू का वीडियो शेयर किया है. जिसमें वह कह रहे हैं कि अनुच्‍छेद 370 के हटने से कोई परेशानी नहीं है. 370 पाकिस्तान के लिए अहमियत नहीं रखता. यह भारत का अंदरूनी मामला है. इस इंटरव्यू में पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने 35A हटाने पर पर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि हम 35A पर केंद्रित हैं, क्योंकि उससे इंडिया डेमोग्राफी में बदलाव कर सकता है.

अब दिया ये बयान
बयान पर बवाल के बाद शाह महमूद कुरैशी ने ट्वीट करके सफाई पेश की है. उन्होंने लिखा है, ‘मैं साफ कर दूं कि जम्मू और कश्मीर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एजेंडे में अंतरराष्ट्रीय विवाद माना गया है. इसका समाधान तभी निकल सकता है जब संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में जनमतसंग्रह कराया जाए. जम्मू-कश्मीर से जुड़ा कोई भी मसला भारत का अंदरूनी मामला नहीं हो सकता है’.

विपक्ष ने बताया Historical U Turn
विदेश मंत्री के बयान को लेकर पाकिस्तान में जमकर बवाल हुआ. खासकर पाकिस्तान मुस्लिम लीग के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के प्रवक्ता मोहम्मद जुबैर ने कुरैशी की जमकर खिंचाई की. उन्होंने कहा कि कुरैशी का बयान कश्मीर को लेकर पाकिस्तान द्वारा ऐतिहासिक रुख से यू-टर्न लेने जैसा है. उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान कश्मीर को हमेशा विवादित क्षेत्र मानता आया है, लेकिन कुरैशी के बयान से ऐसा लग रहा है कि उन्होंने पाकिस्तान के रुख से यू-टर्न मार लिया है. गौरतलब है कि 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए हटा दिए थे और इसे केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया था.