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Jaipur : राजस्थान (Rajasthan News) में अब अवैध खनन, परिवहन और भण्डारणकर्ताओं पर और अधिक शिकंजा कसा जाएगा. अवैद्य खनन, परिवहन और भण्डारण पर कार्रवाई के दौरान जब्तशुदा सामग्री का राज्य सरकार के पक्ष में अधिहरण करवाया जाएगा. अतिरिक्त मुख्य सचिव माइन्स एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल (Dr. Subodh Agrawal) ने इसके लिए अधिकारियों को तय समय सीमा में आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. 

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एसीएस माइंस डॉ. अग्रवाल ने सोमवार को सचिवालय में खान विभाग के उच्चाधिकारियों की बैठक ली. उन्होंने राज्य में अवैद्य खनन गतिविधियों पर सख्त और प्रभावी कार्रवाई के निर्दश दिए. उन्होंने बताया कि एमएमडीआर एक्ट 1957 के अनुसार राज्य सरकार की वैद्य अनुमति के बिना खनन कार्य करने, उसका परिवहन करने और भण्डारण गैरकानूनी गतिविधि है. 

प्रावधानों के अनुसार ऐसी गतिविधियों पर कार्रवाई करते हुए खनिज वाहन, मशीनरी, उपकरण, परिवहन वाहन व सामग्री को जब्त किया जाता है और नियमानुसार कुल शास्ती राशि (राॅयल्टी की दस गुणा राशि) और कम्पाउण्ड राशि व न्यायालय या ट्रिब्यूनल द्वारा आदेशित कम्पाउण्ड राशि की वसूली की जाती है.

निर्देर्शों के अनुसार अवैध खनन, निर्गमन और भण्डारणकर्ता के कब्जे से खनिज वाहन, मशीनरी, औजार, उपकरण आदि जब्त करने के बाद तीन माह की अवधि तक समस्त जुर्माना राशि जमा नहीं कराई जाती है तो उस स्थिति में सक्षम न्यायालय में आवेदन कर जब्तशुदा सामग्री यथा ट्रेक्टर, जेसीबी मशीन, खनन गतिविधियों में काम में लिए जा रहे अन्य उपकरण, औजार आदि, इस कार्य में उपयोग में लिए जा रहे वाहन, जब्तशुदा खनिज सामग्री, बजरी आदि को राज्य सरकार के पक्ष में अधिहरण करवाया जाएगा.

बैठक में एसीएस माइंस डाॅ. अग्रवाल ने खनन गतिविधियों में कोरोना प्रोटोकाल की पालना सुनिश्चत कराने के निर्देश दिए.

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