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मंडलाः कोरोना वायरस के मरीज दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं, मध्य प्रदेश में भी इसे देखते हुए कर्फ्यू लगाया गया. लेकिन कई लोग अब भी ऐसे हैं, जो अपनी जान खतरे में डालते हुए इन गाइडलाइंस का उल्लंघन करने से पीछे नहीं हट रहे. सतना जिले की पुलिस ने ऐसे ही कुछ लोगों को पकड़कर सजा दी. सजा भी ऐसी की वो जिंदगी भर याद रखेंगे.

‘कोरोना संक्रमितों’ से ही मिलवा दिया
मंडला पुलिस कोरोना कर्फ्यू में गाइडलाइन का पालने करवाने के लिए अलग-अलग तरकीबों को अपना रही है. शुक्रवार को जहां बम्हनी बंजर थाना पुलिस ने कर्फ्यू तोड़ने वालों के लिए डॉग का सहारा लिया. तो आज उन्होंने गाइडलाइन का उल्लंघन कर बाहर निकलने वालों को कथित कोरोना संक्रमितों से ही मिलवा दिया.

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संक्रमित को देख फूले हाथ-पैर
संक्रमित मरीज से सामना होते ही उल्लंघन करने वालों के हाथ-पैर फूल गए. पुलिस की इस सजा से बचने के लिए अपराधी मिन्नतें करने लगे, वे बीच सड़क ही भगवान और पुलिस से माफी लगने लगे. कुछ तो कहने लगे वे अब कभी घर से बाहर नहीं निकलेंगे. इस बार माफ कर दो, अगली बार ऐसा नहीं करेंगे.

क्या सच में संक्रमितों से मिलवाया?
दरअसल, मंडला कोतवाली पुलिस ने ये सजा एक निश्चित प्लानिंग के तहत दी. उन्होंने एक नाट्यक्रम के तहत पुलिस विभाग के ही दो सिपाहियों को PPE किट पहनाई. उनमें से एक को एम्बुलेंस में बैठाया और एक को कोरोना मरीज बनाकर लिटा दिया. इसके बाद जैसे ही बेवजह बाहर घूमने वालों को पकड़ा जाता, उन्हें सीधा ही नाटक कर रहे कोरोना संक्रमित मरीज से मिलवा दिया जाता.  

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