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Jaipur:  राजस्थान में कोरोना महामारी में मेडिकल ऑक्सीजन और अतिआवश्यक दवाईयों की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. ऐसे लोगों की पहचान करने एवं उन पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए राज्य सरकार द्वारा एक स्पेशल टीम गठित की गई हैं.

प्रदेश में कोरोना महामारी के दौरान आवश्यक ऑक्सीजन सिलेंडर और अति आवश्यक दवाइयों जैसे रेमेडिसिन इंजेक्शन आदि की कालाबाजारी के कई मामले सामने आ चुके हैं. मुख्यमंत्री गहलोत ने ऐसे असामाजिक तत्वों की पहचान कर उनके विरूद्ध कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. पुलिस महानिदेशक एम एल लाठर ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों का पालन में कालाबाजारी की पहचान की जाकर कार्रवाई शुरू कर दी गयी हैं.

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SC भी दे चुका है कालाबाजारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश
इसी संदर्भ में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्वप्रेरणा से दायर रिट याचिका में 30 अप्रैल को भी विस्तृत आदेश जारी किए गए हैं. डीजीपी लाठर ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय ने अपने इस आदेश में कोरोना के इलाज में काम आने वाली दवाईयों, इंजेक्शनों की जमाखोरी, अधिक कीमत और नकली दवाईयों के बेचने, कालाबाजारी रोकने के संबंध में कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

इनमें आमजन का उसकी असहाय स्थिति एवं परेशानी में शोषण कर लाभ कमाने का घृणित प्रयास करने वालों के विरूद्ध विशेष टीम गठित कर आपराधिक अभियोग चलाने की कार्रवाई के आदेश हैं.

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कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने पर की गई कार्रवाई
लाठर ने बताया कि 3 मई को राज्य में अनावश्यक खुले में घूमकर संक्रमण फैलाने वाले 1900 व्यक्तियों को निरूद्ध कर उन्हें संस्थागत क्वारंटाइन किया गया है. पिछले 24 घंटों में बिना मास्क के घर से निकलने वाले अथवा मास्क को मुंह एवं नाक पर ठीक प्रकार से नहीं लगाने वाले 2701 व्यक्तियों के विरूद्ध महामारी अधिनियम के अन्तर्गत कार्रवाई की गई है. 

इसी अवधि में सार्वजनिक स्थलों पर थूकने वाले 2120 व्यक्तियों एवं संक्रमण से बचने के लिए आवश्यक सामाजिक दूरी संधारित नहीं करने वाले 26840 व्यक्तियों के विरूद्ध जुमाने की कार्रवाई की गई हैं.