रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों ने मंदिर के अंदर प्रवेश न दिए जाने पर आंदोलन शुरू कर दिया. तीर्थ पुरोहितों ने देव स्थानम बोर्ड के खिलाफ केदारनाथ मंदिर के मुख्य गेट के आगे धरना दिया. उनकी मांग थी कि उन्हें मंदिर के भीतर जल चढ़ाने की अनुमति दी जाय.
17 मई से खुले हैं केदारनाथ धाम के कपाट
बता दें कि बीती 17 मई को केदारनाथ धाम के कपाट खोले जाने के बाद से देवस्थानम बोर्ड के पुजारी और वेदपाठी रोजाना पूजा-अर्चना कर रहे हैं. कोविड की गाइडलाइन के अनुसार पूजा की जा रही है. फिलहाल उत्तराखण्ड सरकार ने यात्रा को स्थगित किया हुआ है. केदारनाथ धाम के कुछ तीर्थ पुरोहित कपाट खुलने के समय से धाम में मौजूद हैं, लेकिन देवस्थानम बोर्ड के कर्मचारियों ने तीर्थ पुरोहितों की मंदिर के भीतर आवाजाही पर रोक लगा रखी है.
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मंदिर में ताला लगे होने से भड़के तीर्थ पुरोहित
इस कारण से तीर्थ पुरोहितों में आक्रोश भड़क गया. ऐसे में उन्होंने शुक्रवार सुबह मंदिर परिसर में धरना शुरू कर दिया और कहा कि तीर्थ पुरोहित सदियों से भगवान केदार की पूजा-अर्चना करते आ रहे हैं. लेकिन इस बार उन्हें मंदिर के अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है. इसके चलते वह बाबा केदार की पूजा नहीं कर पा रहे हैं. इस दौरान पुरोहितों ने बताया कि जब वे जल लेकर मंदिर में पहुंचे तो मंदिर में ताला लगा हुआ था.
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तीर्थ पुरोहितों ने आरोप लगाया कि देवस्थानम बोर्ड के कर्मचारी पूजा-अर्चना नहीं करने दे रहे हैं. जबकि वे लोग सरकार की गाइडलाइन का पूरा पालन कर रहे हैं. उनका कहना है कि सरकार की गाइडलाइन में भी साफ है कि तीर्थ पुरोहित केदारनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना कर सकते हैं. इसके बाजवूद उन्हें मंदिर में जाने नहीं दिया जा रहा है.
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