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नई दिल्लीः कोरोना संक्रमण से हर रोज देश में लाखों लोग संक्रमित हो रहे हैं और हजारों की संख्या में लोगों की जान जा रही है. ऐसे में यहां आपको बता रहे हैं कि अगर आपने कोरोना संक्रमण में इस बात का ध्यान रख लिया तो कोरोना आपका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा.
कोरोना में टाइमलाइन बेहद
डॉ. वी के मिश्रा के अनुसार, कोरोना संक्रमण में टाइमलाइन बेहद अहम है. मतलब कि कब मरीज को कोरोना के लक्षण दिखने शुरू हुए और कब बुखार आया आदि. बता दें कि कोरोना का संक्रमण होते ही उसके लक्षण नहीं दिखाई देते हैं. लक्षण दिखने में 2-14 दिन का समय लग जाता है. लेकिन सामान्य तौर पर 2-3 दिन में कोरोना के लक्षण दिखने शुरू हो जाएगा. पहले मरीज का गला खराब होगा और थकान महसूस होगी.
इसके बाद तीसरे दिन मरीज को बुखार आएगा और गला भी ज्यादा खराब महसूस होगा. इसके बाद चौथे दिन शरीर में दर्द, बुखार, जोड़ों में दर्द और शरीर में कमजोरी की समस्या होगी. वहीं पांचवें दिन तेज बुखार और खांसी-जुकाम, कमजोरी और शरीर में दर्द की समस्या होगी. कोरोना संक्रमण में 5वां और छठा दिन ही महत्वपूर्ण होता है. इन दिनों में मरीज ने ध्यान दिया तो कोरोना कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा.
5वां-छठा दिन बेहद अहम
अधिकतर मरीज पांचवें-छठे दिन के बाद इम्प्रूव करने लगते हैं. मरीज को बुखार हल्का हो जाएगा, गले की तकलीफ भी कुछ कम हो जाएगी. अगर ऐसा होता है कि तो इसका मतलब ये है कि मरीज की बॉडी की इम्यूनिटी ने कोरोना संक्रमण को हरा दिया है और अब आप ठीक होने की राह पर हैं. लेकिन अगर 5वें और छठे दिन के बाद हालात में सुधार नहीं होता और मरीज की हालत ज्यादा बिगड़ती है तो यहां ध्यान रखने की जरूरत है.
ऑक्सीजन लेवल करें चेक
5वें और छठे दिन से अगर मरीज की हालत बिगड़ती है तो उसके शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होनी शुरू हो जाएगी. इस दौरान मरीज को सिर में दर्द की समस्या भी बहुत रहेगी और मानसिक तौर पर भी कुछ परेशानी हो सकती हैं. दरअसल शरीर में ऑक्सीजन की कमी के कारण ही ये सब परेशानियां बढ़ेंगी. ऐसे में ऑक्सीमीटर से मरीज का ऑक्सीजन लेवल चेक करें और अगर यह कम मिलता है तो तुरंत मरीज को अस्पताल लेकर जाएं.
कई मरीजों को 13 दिन के बाद ऑक्सीजन सपोर्ट की मदद से हालत में सुधार आ जाता है अगर मरीज की हालत 13वें दिन भी नहीं सुधरती है तो यह खतरे की घंटी है क्योंकि इसके बाद मरीज के हार्ट, किडनी पर भी असर आने लगता है.
यही वजह है कि कोरोना संक्रमण के लक्षण जब दिखने शुरू हों, तभी उन्हें पहचाने. अगर आप ऐसा करने में सफल हो जाएंगे तो आप संक्रमण को बेहतर मॉनिटर कर सकते हैं और हालात को गंभीर होने से बचा सकते हैं. वरना अगर आपने ध्यान नहीं दिया तो संक्रमण फेफड़ों को ज्यादा नुकसान पहुंचा देगा और मरीज को पता भी नहीं चलेगा.
(डिस्कलेमर- यहां दी गई जानकारी विभिन्न मान्यताओं और विभिन्न स्त्रोतों से जानकारी लेकर बताई गई है. किसी भी तरह की समस्या होने पर डॉक्टर की सलाह पर ही कोई काम करें)