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पवन त्रिपाठी \गौतम बुद्ध नगर: कोरोना की दूसरी लहर खतरनाक होती जा रही है. कोरोना की चपेट में कई ऐसे परिवार भी आ गए हैं, जिनका घर चलाने वाला ही अब इस दुनिया में नहीं है. ऐसे परिवारों की मदद के लिए महिला सशक्तिकरण की दिशा में काम करने वाला  NGO पिंकिश फाउंडेशन आगे आया है. 

इन परिवारों की करेगा मदद 
जरूरतमंदो तक मदद पहुंचाने के लिए पिंकिश फाउंडेशन ने भारत के सबसे भरोसेमंद ऑनलाइन डोनेशन प्लेटफॉर्म गिव इंडिया के साथ मिलकर ‘COVID-19 रिस्पॉन्स फंड 2.0’ के तहत आवेदन स्वीकार करना शुरू कर दिया है. फाउंडेशन ने बताया कि यह फंड आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगा, जिन्होंने COVID -19 के कारण परिवार का एकमात्र कमाने वाला सदस्य खो दिया है.

खाते में ट्रांसफर होंगे पैसे 
पिंकिश फाउंडेशन  10,000 से 20,000 रुपये की मासिक आय के साथ गाजियाबाद, नोएडा, गुड़गांव, फरीदाबाद और हापुड़ के आसपास और शहरी या ग्रामीण क्षेत्रों  के परिवार को शमिल किया हैं. इसमें परिवारों को दिखाना होगा कि उनके मुख्य कमाने वाले की  मृत्यु COVID-19 के कारण हुई थी और फाउंडेशन दस्तावेजों को सत्यापित करने के बाद धन को लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर कर देगा. 

इतने लाख परिवारों को मिलेगा आर्थिक मदद 
 राष्ट्रीय महासचिव शालिनी गुप्ता कहती हैं, “हम पूरे देश से जरूरतमंद परिवारों का समर्थन करने के लिए अग्रसर हैं और हमें एप्लीकेशन और प्राथमिकता की वास्तविकता सुनिश्चित करने के लिए कुछ बुनियादी सत्यापन करने की आवश्यकता होगी, ताकि लाभ अधिकांश जरूरतमंद परिवारों तक पहुंच सके. हमारे पास भारत भर में 1.6 लाख महिलाएं जुड़ी हुई हैं और फाउंडेशन ने उन सभी परिवारों को पहचानने के लिए कहा है, ताकि उन्हें जल्द से जल्द मदद पहुंच सके.

ये है उद्देश्य 
 फाउंडेशन को 800-1000 परिवारों का समर्थन करने की उम्मीद है; परिवारों के लिए कोई निर्धारित राशि नहीं है, क्योंकि यह टीम द्वारा मूल्यांकन की आवश्यकता के आधार पर अलग-अलग होगा. इसका उद्देश्य परिवारों को कुछ महीनों के लिए खुद का समर्थन करने में सक्षम होना है.

आर्थिक तंगी से बाहर निकालने में करेगा मदद: रूचि जैन
पिंकिश फाउंडेशन की नेशनल लीडर रूचि जैन ने बताया कि “हम जानते हैं कि कुछ भी उनके दुखद नुकसान की जगह नहीं ले सकता है, लेकिन हमें उम्मीद है कि पैसा इन परिवारों को उनकी तत्काल वित्तीय चुनौती से बाहर निकलने में मदद करेगा और उन्हें वैकल्पिक काम और कमाई के विकल्प बनाने के लिए एक मजबूती प्रदान करेगा.”

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