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Patna: कोरोना (Corona) से जारी जंग के बीच बिहार मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का रास्ता साफ हो गया है. केंद्र सरकार ने इस मामले में दिलचस्पी दिखाई है. पेट्रोलियम मंत्रालय को राज्य के 9 मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने इस बात की घोषणा की है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान का आभार व्यक्त किया है.

मंगल पांडेय ने कहा है कि इन मेडिकल काॅलेज हॉस्पिटलों में ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट लगने से कोरोना मरीजों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन प्राप्त होने के साथ-साथ भविष्य में ऑक्सीजन की होने वाली किल्लत से छुटकारा मिल जाएगा. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि राज्य के NMCH पटना, JNKTMCH मधेपुरा,  VIGS राजगीर और MNMCH गया में 2500 (एलपीएम) क्षमता वाला और पीएमसीएच में 5000 (एलपीएम) क्षमता वाला ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट ऑयल इंडिया लिमिटेड द्वारा लगाया जायेगा. इस योजना में कुल 21 करोड़ 46 लाख का खर्च आयेगा.

वहीं, SKMCH मुजफ्फरपुर, DMCH दरभंगा, JLNMCH भागलपुर और MGMCH बेतिया में दो हजार लीटर प्रति मिनट क्षमता वाला ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट नमलीगढ़ रिफायनरी लिमिटेड (एनआरएल) द्वारा लगाया जायेगा.

इधर कोरोना से चल रही जंग में मानव बल की कमी को देखते हुए भी स्वास्थ्य विभाग में बड़ा फैसला लिया है. कोरोना महामारी में अब एमबीबीएस और नर्सिंग शिक्षा से जुड़े अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राएं भी अपनी सेवा दे सकेंगे. इसके लिए उन्हें उचित मानदेय भी दिया जाएगा. एमबीबीएस छात्रों को 15 हजार, बीएससी नर्सिंग के छात्र-छात्राओं को 14 हजार और जीएनएम के छात्र-छात्राओं को 12 हजार प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा.

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इसके अलावा कोरोना काल मे योगदान देने वाले ऐसे स्टूडेंट्स को नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान विशेष प्राथमिकता भी दी जाएगी. ऐसे छात्र-छात्राओं को कोरोनाकाल में की गई 100 दिन की सेवा को एक वर्ष के समतुल्य मानते हुए नियमित नियुक्ति में अंकों की अधिमानता भी देय होगी.