Ranchi: बंगाल की खाड़ी से उठने वाले यास (Yaas Cyclone) चक्रवर्ती तूफान को लेकर मौसम विभाग द्वारा राज्य के विभिन्न जिलों को अलर्ट किया गया है. इस क्रम में राज्य के कई अन्य जिलों के साथ बोकारो जिला भी रेड अलर्ट जोन में है.
बोकारो के उपायुक्त राजेश सिंह ने जिले वासियों को सतर्क और सजग रहने एवं किसी भी तरह की सूचना एवं सहायता के लिए सीधे जिला नियंत्रण कक्ष 9431135836 एवं 9431135828 से संपर्क साधने की अपील की है.
तूफान के दौरान लोगों को घरों से बाहर न निकलने की अपील की गई है. आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने तूफान से पहले और तूफान के बाद क्या करें और क्या न करें इसको लेकर लोगों को आगाह किया है.
तूफान से पहले क्या करें
मौसम विभाग ने कहा है कि तूफान से पहले अफवाहों पर ध्यान न दें, घबराएं नहीं. अपने मोबाइल को चार्ज करके रखें व SMS का इस्तेमाल करें. मौसम के ताजा अपडेट के लिए टीवी देखें और समाचर सुनें साथ ही अखबार भी पढ़ें. एक इमरजेंसी किट तैयार कर लें. इसमें जरूरत के सारे सामान रख लें. मवेशियों और घर के बाक़ी जानवरों को ठीक से बांध लें. घरों की एक बार तहकीकात कर लें.
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तूफान के दौरान और बाद में क्या करें
घर में बिजली की सप्लाई बंद कर लें, गैस सप्लाई को भी बंद कर दें. घरों के दरवाजे और खिड़कियों को बंद रखें. मौसम अपडेट के लिए रेडियो व अन्य माध्यम सुनते रहें. उबाल कर पानी पीएं. जिन बिल्डिंग को नुकसान पहुंचा है वहां न जाएं. तुरंत सुरक्षित स्थानों पर जाएं.
इन बातों का भी रखें विशेष ध्यान
चक्रवात तूफानी वर्षा की गति मार्ग की अपडेट जानकारी रेडियो व अन्य संचार माध्यमों से प्राप्त करते रहें. अपने समुदाय के लोगों को आने वाले खतरों के प्रति सावधान करें. अपने आस पास के शरण स्थल और वहां तक पहुंचने के मार्ग की जानकारी रखें. इसके अलावा, आपातकालीन किट और आवश्यक खाद्य सामग्री, दवाएं, टॉर्च एवं बैटरी आदि तैयार रखें. दरवाजे, खिड़कियां, छत और दीवारों को चक्रवाती मौसम से पहले मरम्मत कर मजबूत करें.सुरक्षित स्थानों में पर्याप्त अनाज और पानी संग्रह रखें. यदि आश्रय स्थल पर नहीं जा सकते तो अपने घर के मजबूत भाग के अंदर रहें।
तूफान के बाद शरण स्थल से घर लौटते समय इन बातों का ध्यान रखें
जब तक अधिकारिक सूचना ना मिले कि घर से बाहर जाना सुरक्षित है, तब तक घर से बाहर ना निकलें. घर लौटने के लिए निर्देशित मार्ग का ही पालन करें, घर पहुंचने की जल्दी ना करें. टूटी विद्युत लाइनों, क्षतिग्रस्त सड़कों और टूटे वृक्षों से सावधान रहें.
(इनपुट- मृत्युंजय मिश्रा)