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नई दिल्ली: छत्रसाल स्टेडियम (Chhatrasal stadium) में हुई मारपीट और हत्या के मामले में ओलंपिक मेडल विनर सुशील कुमार (Sushil Kumar) को शनिवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. ये कहना गलत नहीं होगा कि सुशील जैसा पहलवान दूसरा पहलवान अभी तक दूसरा पैदा नहीं हुआ है. लेकिन सुशील की एक गलती ने उनकी सालों की मेहनत पर पानी फेर दिया. 

सुशील के नाम बड़ी कामयाबी 

सुशील कुमार (Sushil Kumar) अब तक भारत के सबसे सफल पहलवान रहे हैं. सुशील ने पहले 2008 बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक जीता. यही नहीं 2012 में लंदन में हुए अगले ओलंपिक में सुशील ने सिल्वर मेडल पर कब्जा किया. दो ओलंपिक पदक जीतने वाले वे भारत के पहले खिलाड़ी और पहलवान थे. इतना ही नहीं सुशील ने एशियन और कॉमनवेल्थ गेम्स में भी अपना दबदबा बनाए रखा. सुशील ने राजीव गांधी खेल रत्न, अर्जुन अवार्ड और पद्मश्री अवार्ड भी हासिल किए हैं. 1983 में पैदा हुए सुशील को देश का सबसे कामयाब पहलवान बनने में तीन दशक से भी ज्यादा का समय लगा. 

अब बने हत्यारोपी 

देश के इतने बड़ा पहलवान अब एक बड़ा हत्यारोपी बन गया है. सागर धनखड़ नाम के एक पहलवान के मर्डर केस का सुशील पर आरोप है. ये एक बड़ा सवाल है कि क्या सुशील (Sushil Kumar) सच में उस हत्या में शामिल थे? ऐसा हो या ना हो लेकिन अब शायद सुशील का करियर पहले जैसा नहीं रह पाएगा. पिछले एक हफ्ते से फरार चल रहे सुशील को आखिरकार पुलिस ने अपने कब्जे में ले ही लिया. 

छत्रसाल में हुआ क्या?

4 मई की रात के करीब 11 बजे के करीब दिल्ली के मॉडल टाउन के एम ब्लॉक इलाके में कुछ लोग एक फ्लैट पर पहुंचे. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक सागर धनखड़ और उनके साथियों को सुशील के साथियों ने किडनैप कर गाड़ी में बिठा लिया. पुलिस को पीडितों ने ये भी बताया कि सुशील (Sushil Kumar) नीचे कार में एक पिस्टल लिए बैठे थे. उस गाड़ी को छत्रसाल स्टेडियम ले जाया गया. जहां सुशील के साथियों ने सागर और उसके साथियों के साथ जमकर मारपीट की. इस लड़ाई के बाद सागर ने अस्पताल में अपना दम तोड़ दिया. जबकि बाकी सभी पहलवान बुरी तरह घायल हो गए. इस पूरी वारदात के बाद सुशील कुमार का नाम सबसे ज्यादा उछला. 

कोर्ट ने खारिज की थी अग्रिम जमानत

सुशील (Sushil Kumar) पिछले कुछ दिनों से फरार चल रहे थे. दिल्ली की एक अदालत ने हाल में उन्हें अग्रिम जमानत देने से भी इनकार कर दिया था. सुशील ने मंगलवार को रोहिणी की जिला अदालत में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन दिया था, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था. सुशील काफी दिनों से फरार थे. 

15 मई को जारी हुआ था लुकआउट नोटिस

पहलवान सागर धनखड़ की हत्या में आरोपी बनाए जाने के बाद 4 मई से ही सुशील (Sushil Kumar) का कोई अता-पता नहीं था और इसी बारे में फीडबैक और सूचना पाने के लिए दिल्ली पुलिस ने एक लाख रुपये के नकद पुरस्कार की घोषणा की थी. इसी के बाद सुशील ने जमानत की अर्जी दी. अदालत ने 15 मई को सुशील कुमार के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था. पिछले हफ्ते दिल्ली पुलिस ने सुशील के लिए लुक आउट नोटिस जारी किया था.