

नई दिल्ली: कोविड-19 वैक्सीन (Covid-19 Vaccin) लगवाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वालों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. जबकि जिन लोगों का टीकाकरण हो पा रहा है, उनकी संख्या काफी कम है. ऐसे में इन दोनों आंकड़ों के बीच का अंतर तेजी से बढ़ रहा है. 1 मई से 7 मई के बीच को-विन पर 2.42 करोड़ लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया. इस पर अब तक कुल 19 करोड़ से ज्यादा रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं.
अप्रैल और मई के आंकड़ों में है बड़ा अंतर
1 से 7 मई के बीच रोजाना औसतन 16.6 लाख डोज दिए गए, जबकि अप्रैल की शुरुआत में यह आंकड़ा 40 लाख से अधिक था. टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक यदि टीकाकरण की यही गति रही तो जिन लोगों ने अब तक रजिस्ट्रेशन कराया है, उनका टीकाकरण होने में ही 3 महीने लग जाएंगे.
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देश में अभी केवल 1.14 करोड़ वैक्सीन डोज
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के एक ट्वीट के अनुसार, राज्यों के पास 72 लाख डोज हैं और अगले 3 दिनों में 42 लाख डोज राज्यों को भेजने के लिए तैयार हैं. यानि कुल मिलाकर यह संख्या 1.14 करोड़ है, जो पिछले हफ्ते रजिस्ट्रेशन कराने वाले 50% लोगों को कवर करने के लिए भी पर्याप्त नहीं है.
ऐसे में लग जाएंगे 3 साल
इससे पहले जब केवल फ्रंट लाइन वर्कर्स और 45 साल से ज्यादा लोगों का टीकाकरण हो रहा था, तो ऐसे पात्र लोगों की संख्या लगभग 34 करोड़ थी. इसके बाद जब केंद्र सरकार ने 18 साल से ज्यादा के सभी लोगों का टीकाकरण करने की घोषणा तब तक 34 करोड़ में से बमुश्किल एक तिहाई का टीकाकरण हो पाया था. अब 18-44 आयु वर्ग के 60 करोड़ लोग भी वैक्सीनेशन कराने की पात्रता रखने वालों में जुड़ गए हैं.
वहीं वर्तमान में करीब 17 लाख डोज ही रोजाना दिए जा रहे हैं. इस रफ्तार से टीकाकरण हुआ तो देश की पूरी आबादी का टीकाकरण होने में लगभग 1,000 दिन या 3 साल के करीब लग जाएंगे.
वैक्सीन उत्पादन की बढ़ाएंगे क्षमता
वैसे इस अंतर को कम करने के लिए वैक्सीन उत्पादन की क्षमता बढ़ाने की तैयारी है. सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक की वर्तमान उत्पादन क्षमता क्रमश: 6 करोड़ और 2 करोड़ डोज प्रति माह की है. दोनों कंपनियां क्षमता बढ़ा रही हैं, लेकिन इसके लिए जुलाई तक इंतजार करना पड़ सकता है. ऐसे में वैक्सीन का आयात इस बड़े अंतर को पाटने में मदद करेगा लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि कितने समय में कितने वैक्सीन आयात किए जाएंगे.