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Patna: कोरोना काल में बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश में एंबुलेंस की कमी का एक बड़ा मसला बनकर सामने आया है. कहीं निजी एंबुलेंस वाले मनमाना किराए लेते रहे तो कई सरकारी एंबुलेंस बिहार के अस्पतालों में ठीक-ठाक स्थिति में खड़ी रही, जिनका उपयोग नहीं किया जा रहा था. इसके बाद सरकार ने संज्ञान भी लिया.

ताजा मामला बिहार की राजधानी पटना के गर्दनीबाग का है. यहां 10 नई एंबुलेंस पिछले 3-4 दिनों से सड़क पर खड़ी हैं और इनका उपयोग नहीं किया जा रहा है. इन एंबुलेंसों की ऐसे मरीजों की आवश्यकता हैं जो गंभीर रूप से बीमार है और उन्हें जल्द से जल्द हॉस्पिटल पहुंचाने की भी जरूरत है. लेकिन यहां इन एंबुलेंसों पर कपड़े सुखाए जा रहे हैं. ये सारी एंबुलेंस सिविल सर्जन ऑफिस के ठीक सामने खड़ी हुई हैं.

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इतना ही नहीं, बल्कि सिविल सर्जन कार्यालय के गेट के पास में ही घोर लापरवाही देखने को मिल रही है. यहां सरे आम इस्तेमाल की गई पीपीई किट और ग्लब्स फेंके गए हैं. जिससे संक्रमण का खतरा और अधिक बढ़ गया है.

वहीं, इस मामले पर जब पटना की सिविल सर्जन विभा कुमारी सिंह से पूछा गया तो पहले तो वे मानने को तैयार ही नहीं थी. लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि ‘जिसने भी ये PPE  Kit इस तरह से फेंकि है उस पर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी.’

वहीं, एंबुलेंस के मामले को लेकर उन्होंने कहा कि ’10 एंबुलेंस दो-तीन दिन पहले ही उन्हें सरकार के द्वारा मिली हैं और अभी प्रक्रिया चल रही है. प्रक्रिया पूरी होने के बाद आवश्यकता के अनुसार जहां जरूरत होगी वहां यह एंबुलेंस भेजी जाएंगी.’