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इंदौर: महू में सेना की जासूसी मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है. इंदौर पुलिस ने जिन दो बहनों को पकड़ा था, उन दोनों युवतियों को क्लीन चीट दे दी है. महू के गवली पलासिया इलाके में रहने वाली दोनों बहनों से जासूसी की शक में पिछले कुछ दिनों से पूछताछ की जा रही थी. जिसमें इंदौर पुलिस के साथ केन्द्रीय जांच एजेंसिया भी शामिल थी.

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कोई जानकारी साझा नहीं की 
इंदौर पुलिस ने इस बात की पुष्टि की है कि दोनों बहनों ने सेना से जुड़ी किसी भी तरह की संवेदनशील जानकारी को साझा नहीं किया है, लेकिन ये जरूर है कि इन युवतियों से पाकिस्तान में रहने वाले युवक संपर्क में थे. वे युवक प्यार और शादी का झांसा देकर इन्हें अपने जाल में फंसा कर जरूरी जानकारी हासिल करना चाहते थे.

प्यार में फंसा रहे थे युवक
पाक की खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंट ने दोनों से मेट्रिमोनियल साइट से संपर्क किया और 7 महीनों से चैटिंग के जरिए नजदीकियां बढ़ा रहे थे. दोनों बहनों ने मेट्रिमोनियल साइट पर प्रोफाइल डाली थी, जिसमें महू के आर्मी बेस के पास का पता दर्ज था. इसी आधार पर आईएसआई एजेंट ओवेस चौधरी उर्फ खान, मोहसीन व दिलावर ने खुद को पाकिस्तानी आर्मी और नेवी से जुड़ा बताकर संपर्क किया था.

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दोनों बहनों को समय रहते बचा लिया
क्राइन ब्रांच एएसपी गुरुप्रसाद पाराशर ने बताया कि इन युवतियों के इस गिरोह के जाल में फंसने से पहले ही बचा लिया गया है. दोनों बहने है, जो कि महू की रहने वाली है. इनके पिता सेना में रहे है. पुलिस ने और अन्य एजेंसियों ने सभी तरह के टेक्निकल एविडेंस की जांच की है. इनके बैंक खाते को भी खंगाला गया था. 

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