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Patna: कोरोना संक्रमण के बढ़ते दायरे के बीच मुनाफाखोरी की हवा भी तेज हो गई है. मुनाफाखोरी पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने पहले निजी हॉस्पिटल के रेट तय किए, उसके बाद एम्बुलेंस चालकों का किराया निर्धारित किया फिर सिटी स्कैन में मिल रही मनमानी की शिकायतों को देखते हुए सिटी स्कैन का भी शुल्क निर्धारित किया गया और इसी क्रम में अब कोरोना में जांच के लिए HRCT Scan का दर भी निर्धारित कर दिया गया है.
नए शुल्क के मुताबिक, 2,500 रुपए सिंगल स्लाइस सिटी मशीन से जांच करने पर और 3,000 रुपए मल्टी स्लाइस सिटी मशीन से जांच करने पर लिए जाएंगे. इससे अधिक शुल्क लिए जाने पर बिहार सरकार कार्रवाई करेगी.
क्या है HRCT Scan
इसे एचआरसीटी थौरैक्स कहा जाता है यानी हाई रिजोल्यूशन सिटी स्कैन. एचआरसीटी स्कैन फेफड़े में संक्रमण की जांच के लिए किया जाता है. इससे पता चलता है कि फेफड़े के किस भाग में संक्रमण है. साथ ही यह भी पता चलता है कि फेफड़े का कितना फीसदी हिस्सा संक्रमित है. इससे इलाज करने में सुविधा होती है क्योंकि कोरोना के दौरान लोगों में निमोनिया और फेफड़े संबंधी अन्य परेशानी हो जाती हैं.
अधिक शुल्क लेने पर कार्रवाई
सरकार द्वारा निर्धारित शुल्क से अधिक लेने पर बिहार एपिडेमिज डिजीज कोविड-19 रेगुलेशंस 20121 के तहत कानूनी कार्रवाई होगी. शुल्क में जीएसटी, पीपीई किट व सेनिटाइजेशन शामिल है.
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दरअसल, आमतौर पर कोरोना जांच में RTPCR और एंटीजन टेस्ट के फेल हो जाने के कारण अब मरीजों को एचआरसीटी की ज्यादा सलाह दी जा रही है. ईलाज के नाम पर मरीजों के आर्थिक दोहन की शिकायतें भी काफी आ रही हैं. ऐसे में सरकार ने ईलाज से जुड़ी जरूरी व्यवस्थाओं के शुल्क को आवश्यकता अनुसार निर्धारित करने का फैसला लेकर मरीजों को राहत देने की कोशिश की है.