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कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से एक अमानवीय घटना सामने आई है. जिले के एक गांव में अकेले घर में रह रहे एक बुजुर्ग दंपति की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि बुजुर्ग दंपति पिछले 15 दिनों से बीमार थे, उनको सांस लेने में तकलीफ थी. 

खाने तक का नहीं पूछा बेटे का परिवार 
दरअसल, मुरली संखवार 80 वर्ष अपनी पत्नी रामदेवी 75 वर्ष के साथ हथेरुआ गांव में रहते थे. बुजुर्ग दंपति का एक पूत्र है, जो गांव में ही अलग घर बनावकर अपनी पत्नी और बेटे-बहु के साथ रहता है. बहु के मुताबिक  दादा और दादी को पांच दिन पहले बुखार आया था और खांसी भी आ रही थी. बहु उसी दिन देखने आई थी. उस दिन बीमारी की वजह से उनके घर का चूल्हा भी नहीं जला था. यह सब जानते हुए भी बहु दोबारा उनसे मिलने नहीं गई. 

भूखे मर गए माता-पिता  
 काफी दिनों से बुजुर्ग दंपत्ती घर के बाहर नजर नहीं आया. जिसके बाद मंगलवार को पड़ोसियों ने घर का दरवाजा खोला तो अंदर का नजारा देख दंग रह गए. चरपाई पर  80 वर्षीय वृद्ध  की लाश पड़ी थी. वहीं पास में पानी लेने के लिए बर्तन हाथ में लिए 75 वर्षीय वृद्धा का शव जमीन पर पड़ा था. जब की चूल्हा कई दिनों से जलाया ही नहीं गया था. साफ चूल्हे से यह प्रतीत होता है दंपत्ति को कई दिनों से भोजन भी नसीब नहीं हुआ था. ऐसा लगता है कि वे सिर्फ पानी पीकर दिन काट रहे थे. 

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क्या बोले ग्रामीण?
ग्रामीणों ने बताय कि अकेले रह रहे वृद्ध पति और पत्नी दोनों एक दूसरे का ही सहारा थे. वे खुद से ही खाना बनाया करते थे लेकिन उनके बीमारी के बारे में जानकारी होने के बाद भी बुजुर्ग दंपति के बेटे का परिवार ध्यान रखना तो दूर की बात है, खाने तक का नहीं पूछा. 

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अधिकारियों को नहीं है जानकारी 
इस मामले में किसी ने पुलिस को भी सूचना नहीं दी है. जब जिम्मेदार अधिकारियों से इस घटना के बार में पूछा गया तो उनका कहना है कि घटना की जानकारी नहीं है, राजस्वकर्मी को गांव भेजकर पता कराया जा रहा है.

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