Bettiah: पश्चिम चंपारण जिला के नरकटियागंज के ग्रामीण इलाके में कोरोना महामारी के फैलने से लोगों में डर और दहशत का माहौल है. आलम यह है कि नरकटियागंज अनुमंडल मुख्यालय से कुछ दूरी पर स्थित धूमनगर पंचायत में अब तक एक दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि, कोरोना से मौत की पुष्टि महज तीन लोगों की हुई है लेकिन बाकी लोगों में भी कोरोना जैसे लक्षण थे.
जानकारी के अनुसार, पंचायत के गांव में बीते 20 दिनों में 20 लोगों की मौत हुई है. इतने सारे लोगों के असमय मृत्यु के कारण लोगों में डर का माहौल है. वहीं, 14 हजार की आबादी वाले इस पंचायत में समय पर जांच भी नहीं हो रही है और लोग दूर जांच कराने के लिए अस्पताल नहीं जाना चाहते हैं.
इसके कारण उनकी परेशानी और बढ़ गई है. ग्रामीण भी चाहते हैं कि गांव में ही जांच की व्यवस्था हो ताकि कोरोना संक्रमण का मामला सामने आने पर बचाव किया जा सके. दरअसल, नरकटियागंज ब्लॉक और अनुमंडल मुख्यालय से महज चंद मीटर की दूरी पर धुमनगर पंचायत स्थित है. इस पंचायत में कुल 14 वार्ड हैं. धुमनगर पंचायत के बारवा, धुमनगर, जमुनिया,गदियानी, मटीयरिया गांव सहित अन्य जगहों पर लगभग डेढ़ दर्जन लोगों की अब तक मौत हो चुकी है.
इस पंचायत की आबादी 14 हजार के करीब है. घनी आबादी के कारण संक्रमण तेजी से न हो इसका ख्याल रखकर लोग बेवजह घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं. कई ग्रामीण सर्दी, खांसी, बुखार से पीड़ित हैं लेकिन न तो कोई जांच और ना ही टिका की कयावद शुरू की गई है.
ग्रामीणों ने बताया कि एक बार मेडिकल टीम द्वारा 50 लोगों को जमुनिया गांव में कोरोना टेस्ट हुआ. उसके बाद दोबारा मेडिकल टीम इस गांव में नहीं आई है. हैरत की बात है की बीते बीस दिनों के अंदर यहां 20 लोगों की मौत हुई है. इसमें आधा दर्जन वृद्ध की मौत तबियत बिगड़ने से हुई है.
ग्रामीण बताते हैं कि तीन लोगों की मौत कोरोना से हुई है. इस मामले में बीडीओ सतीश कुमार कोरोना से एक ही व्यक्ति की मौत की पुष्टि कर रहे हैं. बाकी लोगों की मौत से पहले का कोरोना टेस्ट नहीं हो पाया है, जिससे संक्रमण से मरने का पता नहीं चल सका है.
बहरहाल सर्दी, खांसी, बुखार होने पर लोग अस्पताल जाने से कतरा रहे हैं. ग्रामीण गांव में ही कोरोना टेस्ट करवाने की मांग कर रहे हैं क्योंकि कोरोना को लेकर गलियां बिरान पड़ी हुई हैं.
बेवजह लोग इधर उधर नहीं घूम रहे हैं. यहां अधिकांश मौत होने से लोग सहमे हुए हैं ग्रामीणों का कहना है कि सेनिटाइजर और ब्लीचिंग का छिड़काव नही हो पाया है.
ये भी पढ़ें- बिहार में RT-PCR जांच की क्षमता में 3 गुना होगी बढ़ोतरी: अश्विनी चौबे
मास्क गिने चुने लोगों के बीच वितरित हुआ है जबकि वैक्सीन लेने वालो की भी तादाद इस गांव में काफी कम है लेकिन जो वैक्सीन ले चुके हैं वह लोगों से अपील कर रहें हैं कि वैक्सीन जरूर लें.
वहीं, जिला प्रशासन की ओर से स्थानीय बीडीओ भी गांव के लोगों को जागरूक करने के साथ साथ सतर्क रहने और मास्क पहनने समेत दो गज दूरी बनाए रखने की अपील कर रहे हैं.
सिस्टम की उदासीनता और लाचारी ऐसी की अब गांव के लोगों में दहशत फैल गया है. यही वजह है कि सरकार भी अब गांवों में सख्ती बढ़ाने के मूड में है. अब देखने वाली बात होगी कि कोरोना महामारी के खौफ से गांव के लोगों को बाहर निकालने और इसकी रोकथाम में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा कब तक कारगर कदम उठाए जाते हैं जिसका ऐसे दर्जनों गांवों में हजारों लोगों को इंतजार हैं.
(इनपुट- इमरान)