आगर: नियति कभी-कभी ऐसा खेल खेलती है कि चाहकर भी परिवार के सदस्य अपने किसी निकटतम पारिवारिक सदस्य के दाह संस्कार मे नही पहुंच पाते है और मौजूद परिजनों के समक्ष दाह संस्कार करना एक चुनौती बन जाता है.
दरअसल आगर मालवा से एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां मद्रास के रहने वाले एक हिन्दू शख्स की मौत हो गई. खुद के परिवार के अलावा मृतक का आगर में अन्य कोई रिश्तेदार नहीं था तो मुस्लिम समाजजनों ने परिवार के सदस्यो की भूमिका का निर्वहन करते हुए हिन्दू रीति रिवाज से मृतक का मुक्तिधाम पर अंतिम संस्कार कर के एक ऐसी मिसाल पेश कर दी जिसे लोग बरसों तक लोग याद करेंगे.
अचानक हुई मौत
आगर की अर्जुन नगर कालोनी मे इशाक खान के मकान मे किराएदार के रूप मे रहने वाले मदुरई मद्रास के समीप करुथकन्नादेवर के रहने वाले इलियाराजा उर्फ राजा अन्ना 50 वर्ष अपने परिवार के साथ आगर मे रहते हुए पापड़, पिंगल व अन्य खाद्य सामग्री का व्यवसाय कर पत्नि रानीबाई, दो बेटी रोशनी व जुबेदी तथा 12 वर्षीय बेटे शिवा के साथ जीवन यापन कर रहा था. करीब 25 वर्षो से राजा अन्ना आगर में रह रहे थे. बुधवार को अचानक पेट दर्द हुआ, परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे तब तक उनकी मौत हो चुकी थी. अचानक परिजनों के समक्ष मानों मुसिबत का पहाड़ टूट गया हो.
इशान खान से मदद मांगी
बदहवास अवस्था मे मृतक की पत्नि तथा बच्चियों ने मकान मालिक इशाक खान व अन्य पड़ोसियों से मदद मांगी तो पलभर में ही पड़ोसी परिजन बनकर साथ खड़े हो गए. मृतक के 12 वर्षीय बालक शिवा से मुस्लिम समाजजनों ने पारिवारिक परम्परा का निर्वहन करवाया. मुस्लिम समाजजनों को हिन्दू रीति रिवाज से दाह संस्कार करने की प्रक्रिया पता नहीं थी. ऐसी दशा मे समाज सेवक सुधीर भाई जैन को सूचना देकर बुलाया तो सुधीर भाई जैन हिन्दू रीति रिवाज बताते रहे और मुस्लिम समाजजन परम्परा के अनुसार दाह संस्कार की प्रक्रिया मे जुट गए.
मुस्लिम ने अर्थी सजाई
मुस्लिमों ने अर्थी सजाई, कंधा दिया फिर श्मशान में लकड़ियां भी जमाई. अर्जुन नगर कॉलोनी से परम्परानुसार अंतिम यात्रा निकाली गई. जिसमें दर्जनो मुस्लिम समाजजन शामिल हुए. मोतीसागर तालाब किनारे स्थित मुक्तिधाम पर विधि विधान के साथ मृतक का दाह संस्कार किया गया.
पैतृक गांव में वीडियो कॉल किया
मृतक के पुत्र शिवा द्वारा बताए गए मोबाइल नंबरो पर मुक्तिधाम से मुस्लिम समाजजनों ने करीब 2 हजार किमी दूर मदुरई स्थित मृतक के परिजनों को वीडियोकॉल कर उनके अंतिम दर्शन कराए. इस दौरान कदीर खान, इशाक खान, वकील भाई, शकील खान, राजू खान, सुरेश गोसर, राकेश गोसर, शाहरूक कबानी, अरबाज खान, मो. सोहेल, शहजाद खान आदि उपस्थित थे.
सौहार्द का वातावरण बना रहे
दाह संस्कार प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरांत मुक्तिधाम पर मृतक को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. श्रद्धांजलि के दौरान सुधीर भाई जैन ने बताया कि आगर मे इसी तरह साम्प्रदायिक सौहार्द का वातावरण बना रहे. दाह संस्कार मे शामिल सभी मुस्लिम समाजजन के हम आभारी है. मदुरई मद्रास के रहने वाले राजा अन्ना की अचानक मौत हो जाने से परिवार के अन्य सदस्यो को संभालने के लिए मुस्लिम महिलाएं मृतक के घर पहुंची. बदहवास परिजनो को ढांढस बंधाया और उन्हें संभाला.
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