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उज्जैन: कोरोना से हो रही मरीजों की मौत के पीछे ऑक्सीजन और अस्पताल में बेड नहीं मिल पाना ही सबसे बड़ा कारण बन रहा है. मध्य प्रदेश में जहां कोरोना के मामले कई ज्यादा है. वहीं ऊंची पहुंच रखने वालों पर अस्पताल हाईजैक करने के आरोप लग रहे हैं. दरअसल केबिनेट मंत्री मोहन यादव के प्रतिनिधि अभय  विश्वकर्मा पर ऐसे ही आरोप लगे हैं. 

ये गंभीर आरोप किसी और ने नहीं बल्कि अस्पताल के ही प्रभारी रहे डॉ. संजीव कुमरावत ने लगाए हैं.डॉ.कुमरावत का आरोप है कि अभय ने अस्पताल को हाईजैक कर लिया है.अभय गैर कानूनी तरीके से अस्पताल के बेड पर कब्जा करता है.

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बड़ी बात ये है कि इन बातों से तंग आकर डॉ. कुमरावत ने माधव नगर अस्पताल का जिम्मा संभाले नगर निगम कमिशनर क्षितिज सिंघल से अपना ट्रांसफर नागदा करने की गुहार लगाई है. उन्होंने व्हाट्सएप चैट पर अपने ट्रांसफर की बात कही और ये चैट अब वायरल हो गयी है. वहीं अभय ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से नकार दिया है.

क्या है पूरा मामला?
डॉ. संजीव कुमरावत ने 1 मई को सुबह 8:45 पर व्हाट्सएप के जरिए अपने ट्रांस्फर की अर्जी लगायी थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि अपने आप को उच्च शिक्षा मंत्री का प्रतिनिधि कहने वाले अभय विश्वकर्मा ने माधव नगर अस्पताल को हाईजेक कर रखा है. मुझे माधव नगर से रिलीव करा दें यंहा बहुत परेशानी है. 

डॉ.कुमावत ने लिखा था कि नागदा में 50 बेड वाला नया अस्पताल शुरू हो रहा है, आप वंहा ट्रांसफर कर दीजिये. जिसके तुरंत बाद अगले ही दिन डॉ. कुमरावत का ट्रांसफर हो गया.

क्या हैं आरोप?
डॉ.कुमरावत ने कहा कि अभय गैर कानूनी तरीके से अस्पताल के बेड पर कब्जा करता था. वह 25 दिन उस अस्पताल के प्रभारी रहे और टोकन सिस्टम बनाया.  लेकिन अभय को इस सिस्टम से भी एतराज था. इस बीच अधिकारियों को भी इस बात से अवगत कराया गया और कुछ समय के लिए अभय को अस्पताल में प्रतिबंधित कर दिया. कुमावत का ये भी कहना है कि अभय अपने मरीजों को लाकर आईसीयू में रखता था, जिनको उसकी जरूरत नहीं होती थी. जिनका ऑक्सीजन लेवल 94-95 होता था वह अभय की वजह से आईसीयू में रहते थे और जिनका 50 होता था उन्हें ऑक्सीजन बेड तक के लिए परेशान होना पड़ता था. उनका ये भी दावा है कि उनके पास इन सब के सुबूत भी हैं. 

कांग्रेस विधायक ने भी लगाए आरोप 
तराना कांग्रेस विधायक महेश परमार ने भी अभय पर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है किअभय अस्पताल के गेट पर खड़ा रहता था. साथ ही उनका कहना है मंत्री मोहन यादव को हमने इस विषय में जानकारी दी थी, क्योंकि अभय उनका रिश्तेदार है इसलिए उसे रोका नहीं गया. इस वजह से मंत्री मोहन यादव को इस्तीफा दे देना चाहिए.  

सूत्रों की मानें तो इस अस्पताल में बने आईसीयू के अधिकतर बेड अभय के इशारों पर ही अलॉट होते थे. 

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