Health News: भारत को फल और सब्जियों के मामले में घनी देश कहा जाता है. क्योंकि भारत एक ऐसा देश हैं जहां तरह-तरह की सब्जियां और फल आपको आसानी से मिल जाएंगे. देश में आसानी से मिलने वाली सहजन सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होती है. सहजन को ड्रमस्टिक या मोरिंगा के नाम से भी जाना जाता है. सहजन की पत्तियों का जूस बनाना और उन्हें सब्जी के रूप में उपयोग करना सबसे आम तरीके हैं, जिसमें वे खाए जाते हैं.
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हर भाग है उपयोगी
सहजन एक प्रकार की फली है, जिसका उपयोग सब्जी के तौर पर किया जाता है. सहजन का ना सिर्फ तना और जड़ बल्कि पत्तियों का भी खूब इस्तेमाल किया जाता है. सहजन का सबसे ज्यादा इस्तेमाल सांभर में किया जाता है लेकिन आपको बता दें कि अगर आपको सहजन के सारे पोषक तत्वों के फायदे चाहिए, तो सहजन की सब्जी जरूर खानी चाहिए. आइए, जानते हैं सहजन के फायदे.
पोषक तत्वों से भरपूर
सहजन विटामिन ए, सी, बी 1 (थियामिन), बी 2 (राइबोफ्लेविन), बी 3 (नियासिन), बी 6 और फोलेट से भरपूर होती हैं. वे मैग्नीशियम, आयरन, कैल्शियम, फास्फोरस और जिंक में भी समृद्ध हैं.
अलग-अलग नाम से पुकारते हैं
सहजन स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होती है और इसकी सब्जी लोग चाव से खाते हैं. यह बेहद पौष्टिक होती है. यह अलग-अलग प्रदेशों में अलग नाम से जाना जाता है. कहीं इसे सहजन, कहीं मोरिंगा, कहीं सूरजन की फली तो मुनगा भी बोला जाता है.
अमीनो एसिड से भरपूर
सहजन अमीनो एसिड, प्रोटीन के निर्माण ब्लॉक से भरपूर होती हैं. 18 प्रकार के अमीनो एसिड उनमें पाए जाते हैं जो स्वास्थ्य को कई तरीकों से हेल्दी रखने में मदद करते हैं.
सूजन में भी मददगार
इस फली में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं. जब हम किसी चोट या संक्रमण से पीड़ित होते हैं, तो शरीर में सूजन बढ़ जाती है। सहजन का सेवन कर इससे राहत पाई जा सकती है.
एंटीऑक्सिडेंट में समृद्ध
सहजन में एंटी-ऑक्सीडेटिव गुण होते हैं और यह पर्यावरण में मौजूद मुक्त कणों के हानिकारक प्रभावों से बचाते हैं. इसमें विटामिन सी और बीटा-कैरोटीन से भरपूर होती हैं, जो मुक्त कणों के खिलाफ काम करती हैं।
ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में फायदेमंद
हाई ब्लड शुगर लेवल व्यक्तियों में डायबिटीज के विकास को जन्म देता है. डायबिटीज, बदले में, दिल की समस्याओं और शरीर में अंग क्षति का कारण बन सकता है. इससे बचने के लिए ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल में रखना अच्छा होता है.
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बालों के लिए फायदेमंद
सहजन के फूलों के सेवन से बालों का झड़ना रोक सकते हैं. इतना ही नहीं इनका नियमित इस्तेमाल करने से बालों की ग्रोथ भी होती है. इसकी चाय के सेवन से बालों को चमकदार बनाया जा सकता है.
डायबिटीज के रोगियों के लाभकारी
जिन लोगों को शुगर की बीमारी है उनको सहजन की सब्जी या जूस जरूर लेना चाहिए. सहजन की फलियों, छाल. फूल और पत्तों में एंटी-डायबिटिक गुण पाए जाते हैं. सहजन के सेवन से डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है.
सिर दर्द दूर करे
सहजन के पत्तों का पेस्ट घाव पर लगाया जाता है और इसे सब्जी के रूप में खाने से सिर दर्द में राहत मिलती है. सहजन की फली का सेवन करने से गर्भवती महिलाओं को डिलिवरी के वक्त ज्यादा दर्द नहीं होता है.
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सहजन का जूस
सहजन का जूस पौष्टिकता से भरपूर होता है. पोषण के मामले में इसका जूस गाजर, संतरे और यहां तक कि दूध को पीछे छोड़ देता है. इसकी पत्तियों को कई तरीकों से डाइट में शामिल किया जा सकता है. मोरिंगा की पत्तियों का जूस बनाना या सब्जी बनाकर खाना भी बहुत लाभकारी होता है सेहत के लिए.
पाचन तंत्र होता है मजबूत
सहजन का सूप पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है. इसमें मौजूद फाइबर्स कब्ज की परेशानी नहीं होने देते. सहजन का सूप खून की सफाई करता है. खून साफ होगा तो चेहरे पर निखार भी आएगा.
सूप पीने से सेक्सुअल लाइफ होती है बेहतर
सहजन के सूप का नियमित सेवन करने से सेक्सुअल हेल्थ बेहतर होती है. सहजन महिला और पुरुष दोनों के लिए समान रूप से फायदेमंद होता है.
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कैसे बनाएं सूप
सहजन को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट ले. दो कप पानी लेकर इसे धीमी आंच पर उबलने के लिए रख दें. जब पानी उबलने लगे तो इसमें कटे हुए सहजन के टुकड़े डाल दें. आप चाहें तो इसमें सहजन की पत्तियां भी मिला सकते हैं. जब पानी उबलकर आधा रह जाए तो सहजन की फलियों के बीच का गूदा निकाल लें और ऊपरी हिस्सा अलग कर लें. फिर इसमें स्वादअनुसार नमक और काली मिर्च मिलाकर पीएं.
सहजन को क्यों कहा गया है अमृत?
सहजन को आयुर्वेद में अमृत समान माना गया है क्योंकि सहजन को 300 से ज्यादा बीमारियों की दवा माना गया है. इसलिए आयुर्वेद में इसे अमृत समान मानते हैं. इसकी नर्म पत्तियां और फल, दोनों ही सब्जी के रूप में प्रयोग किए जाते हैं. सहजन की फली, हरी पत्तियों व सूखी पत्तियों में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन-ए, सी और बी कॉम्प्लेक्स भरपूर मात्रा में पाया जाता है.
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