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मेरठ: कोरोना संक्रमण (Corona Pandemic) की चपेट में आने वाले मरीजों के लिए ब्लैक फंगस (Black Fungus) यानी म्यूकोरमायकॉसिस नाम की बीमारी चिंता का विषय बन गई है. महराष्ट्र और दिल्ली के बाद अब यूपी के मेरठ (Meerut) में ब्लैक फंगस से पीड़ित दो कोविड मरीजों की पहचान हुई है. इनमें एक मुजफ्फरनगर और दूसरा बिजनौर का रहने वाला है. 

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दोनों मरीजों का इलाज मेरठ के एक निजी अस्पताल में चल रहा है. डॉक्टर उनकी स्थिति पर बारीक नजर रख रहे हैं. आपको बता दें कि सिर्फ कोरोना संक्रमित मरीजों में ब्लैक फंगस के मामले देखने को नहीं मिल रहे, बल्कि संक्रमण को मात दे चुके लोगों में इस बीमारी का असर ज्यादा देखा जा रहा है. म्यूकोरमायकॉसिस जानलेवा है. 

क्या है ब्लैक फंगस और क्यों है खतरनाक
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ के रेस्पिरेटरी विभाग के प्रमुख डॉ सूर्यकांत ने बताया कि कोरोना संक्रमण के बाद पहले 9 दिन बहुत अहम हैं. संक्रमण के साथ अगर मरीज में ब्लैक फंगस की शिकायत हुई तो उसकी जान पर खतरा बढ़ सकता है. ब्लैक फंगस नाक, फेफड़ों और मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकता है. 

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हवा और जमीन में मौजूद है ब्लैक फंगस
डॉ सूर्यकांत ने बताया कि ब्लैक फंगस पहले से ही हवा और जमीन में मौजूद है. कमजोर इम्युनिटी वाले व्यक्तियों में ब्लैक फंगस की संभावना ज्यादा रहती है. उन्होंने बताया कि फंगस पहले नाक से शरीर में प्रवेश करता है और फिर फेफड़ों में. इसके बाद रक्त के साथ मस्तिष्क में पहुंच जाता है. ब्लैक फंगल आंखों की रोशनी भी छीन सकता है. आपको बता दें कि वैक्सीनशन इस फंगस को नहीं रोकता.

फंगस से बचने के उपाय
1. फंगस से बचने के लिए नाक की हाइजीन बेहद जरूरी है. 
2. कोरोना संक्रमण से उबरने के बाद नाक से भाप लें.
3. नमक के पानी से नाक की धुलाई करने से फंगस ग्रो नहीं कर पाएगा. 
2. इसके अलावा, ध्यान रखें कि गंदा मास्क कतई न लगाएं.

क्या हैं इस फंगस के लक्षण
1. चेहरे का एक हिस्सा सुन्न होना
2. दर्द होना
3. आंख में सूजन
4. नाक में सूजन

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