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Munger: कोरोना का कहर कितना घातक और जानलेवा है इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि व्यक्ति की मौत महज 48 घंटे के अंदर हो गई. यहां तक की रोगी को इसका अंदाजा भी नहीं लग पाया कि वह कब कोरोना संक्रमितों की श्रेणी में आ चुका है. दरअसल, घटना मंगलवार सुबह की है जब मुफस्सिल थाना क्षेत्र निवासी अर्जुन सिंह की 36 वर्षीय पत्नी विभा देवी की तबियत खराब हुई और कोई कुछ समझ पाता इससे पहले ही उसकी मौत कोरोना संक्रमण के कारण हो गई.

इस मौत के बाद इलाके के लोग पूरी तरह दहशत में हैं. वहीं दूसरी तस्वीर मुंगेर शहर की है जंहा बिना कोरोना पॉजिटव व्यक्ति के अंतिम संस्कार में भी कंधे देने के लिए चार लोग नहीं मिल रहे हैं. जिसके कारण मृतक के परिजन ठेले का सहारा लेकर श्मशान घाट पहुंच रहे हैं.

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 महज 48 घंटे और मौत के आगोश में चली गई विभा

विभा देवी की तबियत रविवार की रात अचानक खाराब हो गई. उसे पेट में दर्द व हल्के बुखार की शिकायत पर परिजनों ने सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ति करवायाा, जहां चिकित्सक ने मामूली दवाएं देकर उसे कोरोना जांच करवाने की सलाह दी. सोमवार की सुबह विभा देवी की एंटिजन किट से कोरोना जांच सदर अस्पताल में करवाई गई जिसमें उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई. मगर तब तक दोपहर के करीब दो बज चुके थे. विभा देवी की परेशानियां भी समय के साथ बढती जा रही थी. चिकित्सक ने कोरोना जांच रिपोर्ट और मरीज की हालत देखते हुए उसे तुरंत ऑक्सिजन लगाते हुए सिटी स्केन करवाने की सलाह दी. क्योंकि मरीज का ऑक्सिजन लेवल करीब 78 तक आ पहुंचा था.

जब विभा देवी की सिटी स्केन रिपोर्ट आई तो सभी की आंखें फटी की फटी रह गईं. उनके फेफड़ों में संक्रमण का खुलासा और कोरोना इफेक्ट साफ दिख रहा था. जिसके बाद सदर अस्पताल के चिक्त्सिक ने उसे तुरंत मायागंज भागलपुर रेफर कर दिया. परिजनों ने किसी अनहोनी की आशंका से उसे तुरंत शहर के एक नामी निजि क्लिनिक में भर्ति करवाया जहां उनसे तुरंत 50 हजार रूपए जमा करने को कहा गया. पैसा खर्च करने के महज डेढ घंटे के बाद ही मरीज को वापस भागलपुर ले जाने की सलाह चिकित्सकों द्वारा दी गई. मगर तब तक उसकी सांसे उखडने लगी थीं. 

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वहीं, भागलपुर जाने के दरम्यान घोरघट के पास वह कोरोना से जीवन की जंग हार गई. परिजनों ने उक्त निजि क्लिनिक संचालक पर मरीज को बरगलाने तथा पैसें एंठने का भी आरोप लगाया.

(इनपुट- प्रशांत कुमार)