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Patna: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना, मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना, जीविका तथा सतत् जीविकोपार्जन योजना की समीक्षा की. 
 बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना, मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अन्तर्गत आवास निर्माण के काम में तेजी लाएं. लाभुकों को देय राषि शीघ्र विमुक्त करें ताकि आवास निर्माण का कार्य तेजी से पूर्ण हो सके और लोगों को रोजगार भी उपलब्ध हो सके तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को लाभ मिल सके. सभी योग्य लाभुकों का आवास बनना चाहिए, कोई भी लाभार्थी न छूटे.

उन्होंने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के अन्तर्गत सार्वजनिक आहर, पईन, पोखर को अतिक्रमण मुक्त कराने के दौरान जो परिवार आश्रयहीन हो गए हैं, उन्हें भी शीघ्र आवास योजना/मुख्यमंत्री वास स्थल क्रय सहायता योजना का लाभ दिलाएं. सतत् जीविकोपार्जन योजना के अन्तर्गत इस योजना के प्रयोजन के अनुरूप निर्धनतम परिवारों/हाषिए पर के लोगों को मुख्य धारा में लाने के लिए तेजी से काम करें.

उन्होंने कहा कि शराबबंदी के बाद देषी शराब एवं ताड़ी के उत्पादन तथा बिक्री से पारंपरिक रूप से जुड़े परिवारों, अत्यंत निर्धन परिवारों, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के अत्यंत निर्धन परिवारों, अन्य समुदाय के अत्यंत निर्धन परिवारों को सतत् जीविकोपार्जन योजना का लाभ दिलाएं. 

मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 लाख से ज्यादा स्वयं सहायता समूह का गठन किया जा चुका है, इससे एक करोड़ से ज्यादा परिवार जुड़े चुके हैं. जीविका समूह को कई प्रकार की जिम्मेदारी दी गई है. जीविका समूह की महिलाओं की कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग, बकरी पालन, मुर्गीपालन, तालाबों की निगरानी आदि कई कार्यों में सक्रियता है, वे जीविकोपार्जन के कई कार्यों से जुड़ी हैं. 

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उन्होंने कहा कि पुरूषों की आमदनी के साथ-साथ महिलाओं की आमदनी बढ़ने से पूरे परिवार की आमदनी बढ़ी है. अधिक से अधिक महिलाओं को जीविका समूह से जोड़ें ताकि उन्हें जीविकोपार्जन के काम से जोड़ा जा सके.