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उज्जैन: थाना उन्हेल क्षेत्र के ग्राम माली खेड़ी में आज खूब हंगामा हो गया है. सुबह 10 बजे करीब स्वास्थ्य विभाग के अमले संग तहसीलदार, एएनएम पटवारी और अन्य अधिकारी टीकाकरण के लिए ग्रामीणों को समझाने के लिए पहुँचे थे .एक व्यक्ति समझाने के लिए गांव का होना जरूरी था इसलिए सहायक सचिव के पति शकील भी टीम के साथ पहुँचे. लेकिन इस दौरान हालात उलटे पड़ गए. समझाईश के दौरान टीम पर अचानक ही ग्रामीणों ने हमला बोल दिया. जिसमें सहायक सचिव पति शकील को गंभीर चोंट आई है.

मुश्किल से बचाई जान
ड्राइवर और स्वास्थ्यकर्मी ने बताया कि पारदी समाज के लोग थे जिन्होंने लट्ठ मारा और करीब 250 लोगों के पास तलवार लट्ठ पाइप थे बड़ी मुश्किल से ड्राइवर की सूझ बूझ से जान बचा कर टीम सुरक्षित स्थान पर पहुंची.

7- 8 लोगों की थी टीम
दरअसल थाना उन्हेंल क्षेत्र में आने वाले ग्राम माली खेड़ी के पारदी मोहल्ले की ही ये घटना है. जहां टीकाकरण करने और ग्रामीणों को समझाने तहसीलदार अनु जैन, सहायक सचिव पति शकील, एएनएम, पटवारी साथ ही अन्य अधिकारी कुल 7 से 8 लोगों की टीम पहुँची थी. जहां उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा.

ड्राइवर की सूझ-बूझ से बची जान
स्वास्थ्यकर्मी ने जानकारी देते हुए बताया कि ड्राइवर की सूझ बूझ से हमारी जान बची है. बड़ी मुश्किल से हम वहां से निकल पाए हैं. उन्होंने कहा ये सभी 150 लोग थे. पारदी समुदाय से हम बात ही कर रहे थे तभी अचानक हमला बोल दिया गया. हथियार बंद भीड़ थी. सभी को छोटी मोटी चोट आई है लेकिन सहायक सचिव के पति शकील को ज्यादा चोट आई है.

ड्राइवर ने बताई पूरी कहानी
वहीं टीम के ड्राइवर ने जानकरी देते हुए बताया कि ग्रामीणों का कहना था वो टीका नहीं लगवाना चाहते जिसके बाद तहसील दार मैडम बात ही कर रही थी कि करीब 250 से 300 लोग हाथ मे लट्ठ, पाइप, तलवार लिए आये. मैंने सबको गाड़ी में बैठाया और कहा बाहर मत निकलना इस तरह जैसे-तैसे जान बचाई गई.

सहायक सचिव पति हुए गंभीर घायल
पूरे मामले में सहायक सचिव पति शकील जिन्हें गंभीर चोट आई है. शकील का भी बयान सामने आया है. उन्होंने भी वही बात कही जो ड्राइवर ने कही थी. कहा कि कोई भी टीका लगवाने को तैयार नहीं था तो तहसीलदार मैडम के साथ हम अंदर तक समझाने गए  तो वहां मौजूद ग्रामीण हेमानी बाई, उस्मानी, चांदू लाल ये सब पब्लिक लेकर आ गए और सचिव पति ने बताया कि वो इस दौरान कुछ लोगों के बीच में ही खड़े थे. अचानक मैडम से बहस के दौरान उन्हें लट्ठ मार दिया गया. बताया कि उस दौरान वे 50 से ज़्यादा लोग थे.

ग्रामीणों की सफाई
वहीं पूरे मामले में ग्रामीणों का कहना है कि जिस व्यक्ति ने हमला किया वो दूसरे गांव का था. हमारे गांव से किसी ने भी हमला नहीं किया.

हम क्यों लगवाएं टीका
साथ ही कहा कि “टीका लगाने से लोग मर रहे है. हम सब तो सुरक्षित है जिन्हें कोरोना है वो लगाए टीका हम क्यों मौत को बुलावा दें. हमने दो केस देखे है. ऐसे पास के गांव में जहां टीका लगवाने के बाद वो मार गए. हम स्वस्थ है अपने घर में है हम नहीं लगाएंगे टीका”.

आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिस
हालांकि अब पूरे मामले में पुलिस मौके पर है और आरोपियों की तलाश में जुटी है. उम्मीद है कि जल्द ही आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होंगे. टीकाकरण के लिए गई टीम को प्रशासन के द्वारा इंसाफ भी मिल सकेगा. लेकिन सरकार प्रशासन को ये समझना होगा ऐसे हमलों से टीम को सुरक्षा भी प्रदान करनी चाहिए. साथ ही आम जनता को भी ज़्यादा ज़्यादा ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को जागरूक करना आवश्यक है ताकि दोबारा ऐसी घटनायें ना हो सके.लेकिन सवाल ये उठता है कि आख़िर इतनी बड़ी संख्या में ये भीड़ कहां से आई ए घटना साफ सोची समझी साज़िश की ओर इशारा कर रही है.

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