मनोज जैन/शाजापुर:आज मदर्स-डे के अवसर पर सभी मांए अपने बच्चों के साथ घर पर समय बिता रही हैं. लेकिन एक मां ऐसी भी है जो कोरोना संकट की इस घड़ी में अपने बच्चों से दूर अपनी ड्यूटी कर रही है. हम बात कर रहे हैं डॉक्टर सीमा बड़िया की, जो कोरोना संक्रमित मरीजों की सेवा में जुटी हुई हैं. वह अपने घर और बच्चों से 1 महीने से दूर हैं और पीपीई किट पहन अपना फर्ज निभा रही है.
डॉ. सीमा अपने बच्चों को चाह कर भी गले नहीं लगा सकतीं, इसलिए वह दूर से ही उन्हें निहार लेती हैं. इतना ही नहीं उनके बच्चे भी उनका हौंसला बढ़ा रहे हैं.
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दरअसल डॉक्टर सीमा बड़िया शाजापुर के जिला चिकित्सालय में पदस्थ हैं. जो कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद से पीपीई किट पहन कर मरीजों के इलाज में लगी हुई हैं. कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज करने के चलते वह 2 वर्षीय बेटी दृष्टि और 9 वर्षीय बेटे लक्ष्य को 1 महीने से गले तक नहीं लगा पाई हैं.
चाह कर भी बच्चों को नहीं लगा सकती गले
आठ घंटे की ड्यूटी करने के बाद जब घर पहुंचती हैं तो 5 फीट दूर से ही बच्चों को निहार कर खुश हो जाती हैं. उन्होंने बताया कि उनकी बेटी 2 वर्ष की है और उन्हें देखते ही रोने लगती थी. लेकिन उसे भी दिलासा देकर समझा दिया और अब वह भी अपनी मां को देखकर खुश होती है.
पिता कर रहे बच्चों की देखरेख
डॉक्टर सीमा ने बताया कि दोनों बच्चों की देखरेख उनके पति कर रहे हैं. जबकि सीमा ड्यूटी से लौटने के बाद खुद को एक कमरे में बंद कर बच्चों और परिवार के सदस्यों से बात करती हैं. वह अपना खाना भी उसी कमरे में बनाती हैं. उनका कहना है कि वह अपने परिवार और बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए दूर से ही प्यार जताकर अपना फर्ज निभा रही हैं.