भोपाल/आकाश द्विवेदीः मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने कुछ दिनों पहले अनाथों के लिए योजना शुरू करने का प्लान बनाया. उसके तहत पहले बताया गया कि कोरोना महामारी में अनाथ हुए बच्चों का ध्यान राज्य सरकार रखेगी. लेकिन अब सरकार ने योजना की तारीखों का खुलासा किया. जिसके तहत विशेष समय में अनाथ हुए बच्चों को ही योजना का लाभ मिलेगा.
‘कोविड-19 बाल कल्याण योजना’
प्रदेश सरकार द्वारा निर्देश जारी करते हुए ‘मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना’ तैयार की गई. पहले बताया गया था कि कोविड-19 से मृत्यु होने पर अनाथ बच्चों का ख्याल प्रदेश सरकार रखेगी. लेकिन अब इस अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया, संक्रमण से मरने की जगह अब निश्चित तारीख के अंतर्गत अनाथ हुए मरीजों का पालन-पोषण सरकार द्वारा किया जाएगा.
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इन चार महीनों में गई जान तो मिलेगा फायदा
देश में कोरोना महामारी पिछले साल फरवरी से जारी है, मध्य प्रदेश में मार्च 2020 से ही संक्रमण के प्रभाव देखने को मिलने लगे. कई बच्चे तब भी अनाथ हुए होंगे. लेकिन प्रदेश सरकार की योजना के अनुसार 1 मार्च 2021 से 30 जून 2021 तक अनाथ हुए बच्चों को ही इस योजना का लाभ मिलेगा. यानी कि इन चार महीनों के पहले या बाद अगर कोई बच्चा अनाथ हुआ या होगा तो उन्हें योजना के लिए अपात्र माना जाएगा.
इन आयु वर्ग के बच्चों को मिलेगा लाभ
योजना के तहत जिन बच्चों की उम्र 21 साल या उससे कम है, उन्हें लाभ मिलेगा. लेकिन अगर वे स्नातक (Undergraduate) की पढ़ाई कर रहे हैं तो 24 साल या स्नातक की पढ़ाई खत्म होने तक उन्हें योजना का लाभ मिलेगा. वहीं ऊपर दी गई निश्चित समयावधि में अनाथ हुए बच्चों की पढ़ाई का खर्चा भी शिवराज सरकार ही उठाएगी. प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले हितग्राही छात्रों को 10 हजार रुपए प्रति साल की सहायता दी जाएगी.
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