कर्ण मिश्रा/जबलपुरः नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में प्रशासन ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया. जबलपुर एसपी के निर्देशों पर जांच कर रही टीम ने सिटी हॉस्पिटल के संचालक, दवाई सप्लायर और एक फार्मा सेल्स के मालिक के खिलाफ FIR दर्ज कर दो को गिरफ्तार कर लिया. बता दें कि जबलपुर पुलिस सूरत में बने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले की जांच कर रही है, जिनमें 500 इंजेक्शन का इस्तेमाल शहर में हुआ.
48 घंटे में उजागर हुए आरोपियों के नाम
सूरत में बने एक लाख से ज्यादा नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन में से कुछ का इस्तेमाल जबलपुर में होने की बात सामने आई. जिसके बाद गुजरात पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए जबलपुर स्थित भगवती फार्मा सेल्स के मालिक सपन जैन को गिरफ्तार किया. जिसने जबलपुर सिटी हॉस्पिटल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा और हॉस्पिटल में दवा सप्लाई का काम देखने वाले मैनेजर देवेश चौरसिया की संलिप्तता की जानकारी दी. 48 घंटे के अंदर ही आरोपियों के नाम उजागर कर लिए गए, वहीं तीनों के खिलाफ FIR भी दर्ज की गई. दो आरोपी गिरफ्त में हैं, वहीं सरबजीत सिंह मोखा अब भी फरार है.
यह भी पढ़ेंः- खुशखबरीः भोपाल में 1000 बेड का कोविड केयर सेंटर तैयार, मरीजों की जल्द रिकवरी के लिए की गई है ये अनोखी व्यवस्था
नकली इंजेक्शन मरीजों को लगवा भी दिए
शहर के जाने माने उद्योगपति सरबजीत ने इंदौर से 500 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मंगवाए. जिन्हें अस्पताल में भर्ती मरीजों को लगवा भी दिया गया, इससे मरीजों की जान भी जा सकती है. शनिवार देर रात जबलपुर की ओमती थाना पुलिस द्वारा आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी की धारा 420, 274, 275, 308 समेत डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट की अनेक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया.
गुजरात से बेचे गए एक लाख फर्जी इंजेक्शन
गुजरात पुलिस द्वारा नकली रेमडेसिविर मामले में एक इंजेक्शन फैक्टरी में छापेमारी की गई. जहां पता चला कि लगभग एक लाख नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन देशभर के अलग-अलग राज्यों में बेच दिए गए हैं. मामले की छानबीन करने 7 मई को गुजरात पुलिस जबलपुर आई, यहां उन्होंने सपन जैन को गिरफ्तार किया.
यह भी पढ़ेंः- MP Indore Weather: तेज गर्मी के बाद बरसे बादल, जानिए सोमवार को कैसा रहेगा मौसम का हाल
सरबजीत सिंह की तलाश जारी
गुजरात पुलिस की कार्रवाई के बाद जबलपुर पुलिस भी हरकत में आई और लगातार दो दिन छापेमारी कर सपन जैन की दो दुकानों को सील किया. वहीं दो बड़े आरोपियों का नाम सामने आते ही उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई. सपन जैन और देवेश चौरसिया पुलिस की गिरफ्त में हैं, सरबजीत सिंह मोखा की तलाश में पुलिस लगी हुई है.
नकली इंजेक्शन से कितनों की जान गई?
शुरुआती जांच में पता चला कि शहर में 500 इंजेक्शन बुलवाए गए, जो कई मरीजों को लगा भी दिए गए. इन इंजेक्शन से कितनों की तबीयत बिगड़ी और कितनों की जान गई, इस बात की कोई जानकारी अब तक सामने नहीं आ सकी. मरीजों के साथ हुई इतनी बड़ी लापरवाही के बाद देखना महत्त्वपूर्ण होगा कि जबलपुर पुलिस मामले में और क्या-क्या खुलासे करती है.
यह भी पढ़ेंः- जबलपुर: गैलेक्सी हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई थी मरीजों की मौत, जांच में सामने आई बड़ी लापरवाही
WATCH LIVE TV