Patna: पटना नगर निगम के तहत आने वाले तीन श्मशान घाटों पर कोरोना से मरने वाले लोगों के शव भी जलाए जाते हैं. हालांकि, राहत की बात ये है कि अभी तीन चार दिनों से इसमें कमी आई है. ऐसा कोरोना संक्रमण दर में आई कमी की वजह से भी हो सकता है.
कोरोना की दूसरी लहर जब अप्रैल के पहले हफ्ते में शुरू हुई तब उसने राजधानी में जमकर कहर बरपाया. मौत किसी भी लिहाज से दुर्भाग्यपूर्ण होती है लेकिन हकीकत से मुंह छिपाया नहीं जा सकता है. राजधानी में कोरोना से इतने लोगों की मौत हुई है कि अब डेथ सर्टिफिकेट बनाने में निगम कर्मचारियों के पसीने छूट रहे हैं.
नगर निगम के अजीमाबाद और पटना सिटी अंचल के कर्मचारियों के मुताबिक, डेढ़ महीने में काम का दबाव बढ़ा है. निगम के कर्मचारी बताते हैं कि, पहले के मुकाबले कही ज्यादा संख्या में लोग डेथ सर्टिफिकेट बनवाने के लिए आ रहे हैं. ऐसा पहले नहीं होता था.
नगर निगम की जन्म-मृत्यु शाखा में इन दिनों लोग अपने- अपने परिजनों का सर्टिफिकेट बनवाने के लिए पहुंच भी रहे हैं. सिर्फ कर्मचारी ही नहीं अधिकारी भी मानते हैं कि, कोरोना के कारण राजधानी में मौत का आंकड़ा बढ़ा है.
दरअसल, पटना नगर निगम के तहत तीन श्मशान घाट हैं. बांस घाट, खाजेकलां और गुलबी घाट. लेकिन जब कोरोना से मौत का आंकड़ा बढ़ने लगा तो स्थाई तौर से एक और घाट पर दाहसंस्कार की इजाजत दी गई.
कोरोना की दूसरी लहर यानि अप्रैल से लेकर अब तक अलग-अलग श्मशान घाटों पर भारी संख्या में शवों को जलाया गया. संख्या में बढ़ोतरी कोरोना से मरने वालों मरीजों के कारण भी हुई. मसलन खाजेकलां घाट की ही बात करें तो मार्च में खाजेकलां घाट पर 146 शव जलाए गए. लेकिन अप्रैल में इसमें भारी बढ़ोतरी हुई. अप्रैल में खाजेकलां घाट पर 476 शव जलाए गए. इसमें 108 तो सिर्फ कोविड से मरनेवालों ही थे.
इसी तरह 1 मई से लेकर 15 मई तक खाजेकलां घाट पर 249 शव जलाए गए. जिसमें 109 लोगों के शव तो सिर्फ कोरोना से मरनेवालों के थे.
घाट महीना कोविड से मौत सामान्य मौत कुल
खाजेकलां मार्च 146 146 292
खाजेकलां अप्रैल 108 368 476
खाजेकलां 1-15 मई 109 140 249
ये आंकड़ा सिर्फ खाजेकलां घाट से निगम को मिला है. जबकि बांसघाट जहां सबसे ज्यादा संख्या में लाशें जलाई जाती हैं उसका आंकड़ा आना बाकी है. गुलबी घाट का भी आंकड़ा बाकी है.
पटना नगर निगम में पटना सिटी अंचल के कार्यपालक अधिकारी राकेश कुमार बताते हैं कि, सिर्फ खाजेकलां घाट पर ही अप्रैल में 476 शवों का दाहसंस्कार हुआ. जिसमें कोरोना से मरने वाले लोगों की संख्या 108 है. इसी तरह 1 मई से 15 मई तक 249 शव जलाए गए. जिसमें कोरोना से मरनेवाले 109 लोगों के शव जलाए गए.
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कोरोना ने जिस तरह से कहर बरपाया है उसने बिहार में पहले से लाचार स्वास्थ्य व्यवस्था को और बेनकाब कर दिया है. कोरोना से मौत हुई हैं और ये हकीकत है. हालांकि, संक्रमण दर घटने से अगले कुछ दिनों में कोरोना से राहत की उम्मीद की जा सकती है.