Patna: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक की. इस बैठक में कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति एवं लॉकडाउन के विस्तार पर निर्णय लिया गया. समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण की प्रतिदिन की जानकारी हम लेते हैं और उसके आधार पर स्वास्थ्य विभाग एवं संबंधित अधिकारियों को निर्देश भी दिया जाता है.
सीएम ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए हम लोग हर जरूरी कदम उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रतिदिन औसतन लगभग 1 लाख 27 हजार जांच की जा रही है. कोरोना संक्रमण जांच की संख्या को और बढ़ाना है, इसे प्रतिदिन 1 लाख 50 हजार से अधिक तक ले जाना है.
उन्होंने कहा कि मार्च महीने में 10 लाख की आबादी पर देश में प्रतिदिन जितनी औसतन जांच हो रही थी उसकी तुलना में बिहार में 14 हजार जांच अधिक हो रही थी. सभी लोगों के टीकाकरण के लिए हम लोग सतत प्रयत्नशील हैं. सीएम ने कहा कि कोरोना से मरने वालों के आश्रितों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 4 लाख रुपए की राशि दी जा रही है. सभी जिलाधिकारियों को कहा गया है कि कोरोना संक्रमण से जिनकी भी मृत्यु हुई है उसकी पूरी जानकारी एकत्रित करें और उनके परिजनों को अनुग्रह राशि उपलब्ध कराएं.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि चलंत टेस्टिंग वैन की शुरुआत की गई है, जिससे प्रतिदिन ग्रामीण क्षेत्रों में 1 हजार जांच होगी तथा इस जांच की रिपोर्ट 24 घंटे में लोगों को मिल जाएगी. लॉकडाउन के दौरान सामूहिक किचन के माध्यम से सभी जरूरतमंद लोगों को दोनों समय भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि प्रत्येक प्रखंड में सामुदायिक किचन की शुरुआत की गई है. लॉकडाउन के दौरान इच्छुक लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराया जा रहा है. सभी जिलों के प्रभारी मंत्री कोरोना संक्रमण की स्थिति एवं उसके बचाव के लिए किये जा रहे कार्यों की लगातार जानकारी ले रहे हैं और स्वास्थ्य विभाग को उसका फीडबैक दे रहे हैं जिसके आधार पर भी विभाग हर जरूरी कदम उठा रहा हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दो दिनों से अधिकारियों के स्तर पर सभी जिलाधिकारियों से कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन अवधि विस्तार को लेकर जानकारी ली गई. सभी लोगों के लॉकडाउन बढ़ाने को लेकर सुझाव आए हैं. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण कोरोना संक्रमण की दर में गिरावट आयी है. पहले तीन सप्ताह तक लॉकडाउन की अवधि का विस्तार किया गया, जिसके सकारात्मक परिणाम आए हैं.
सहयोगी मंत्रीगण एवं पदाधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा के आधार पर 26 मई से 1 जून तक लॉकडाउन की अवधि का विस्तार का निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण को लेकर सभी जिलाधिकारियों को पहले से ही विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि हमलोगों ने किसी की उपेक्षा नहीं की है. सबके हित के लिए काम कर रहे हैं.